सोनिया ने किया इनकार, लालू को मिला शरद यादव का साथ

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27 अगस्त, को लालू यादव की प्रस्तावित रैली  ‘भाजपा भगाओ-देश बचाओ रैली’ की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। लेकिन लालू के विपक्षी एकता के प्रयासों को तब धक्का लगा जब सबसे पहले मायावती ने रैली में शामिल होने से इनकार कर दिया और अब कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी और राहुल ने भी इसमें आने से इनकार कर दिया है। लेकिन लालू के लिए एक अच्छी खबर ये है कि उनको शरद यादव का साथ मिल गया है।

शरद यादव आए लालू के साथ

भले ही लालू को तमाम दिग्गजों ने रैली में शामिल होने से इनकार कर दिया हो लेकिन शरद यादव पूरी तरह उनके साथ खड़े हैं। हालांकि हो सकता है कि इसका खामियाजा शरद यादल को उठाना पड़ जाए। लेकिन इसको नकारते हुए शरद यादव अब लालू की रैली में शामिल होने जा रहे हैं। इसका एलान आज जदयू के निलंबित सांसद अली अनवर ने की है।

लालू पड़ रहे हैं कमजोर

जिस वक्त लालू ने रैली का एलान किया था, उस वक्त वो आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे थे, क्योंकि बिहार में राजद जदयू और कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा थे, लेकिन भ्रष्टाचार में घिरे लालू परिवार से अपना किनारा करते हुए जदयू ने महागठबंधन तोड़ दिया और बीजेपी के समर्थन से बिहार में सरकार बना ली।

इससे लालू को गहरा धक्का लगा और उसके बाद लालू लगातार नीतीश कुमार और बीजेपी पर जुबानी हमला कर रहे हैं और अपनी रैली का प्रचार-प्रसार कर लोगों की भीड़ जुटाने में लगे हैं। अब लोगों की भीड़ बेशक जुटे जाए पर लालू रैली को रैली में अकेलापन ही महसूस करना होगा।

लालू अपनी इस रैली के माध्यम से बिहार में राजद की सियासी जमीन को बचाने में लगे हैं, लेकिन महागठबंधन का हिस्सा रही कांग्रेस के बड़े नेताओं के नहीं आने से मायूसी जरूर होगी। लालू ने खुद बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस रैली में शामिल नहीं होगीं।

रैली में अन्य दलों के शामिल होने पर असमंजस

वैसे कांग्रेस और वाम दल के अलावा अब तक इस रैली को लेकर अन्य किसी दल ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, जबकि भाजपा विरोधी 18 दलों को निमंत्रण भेजा गया है। ममता ने पहले जरूर पटना आने की बात कही थी, लेकिन उनके ताजा बयान प्रधानमंत्री मोदी के प्रति उनके नरम रुख को दिखा रहा है, हालांकि ममता और अखिलेश रैली का हिस्सा बन सकते हैं।

राजनीतिक गलियारे में चर्चा यह भी चल रही है कि राजग में उनके (शरद) बेटे के लिए जगह नहीं बन रही थी, जबकि जदयू से अलग होकर उन्होंने बेटे के लिए बिहार और दामाद के लिए हरियाणा में जमीन पा ली है।

बाढ़ बनी बाधा  

अब लालू के लिए अपनी रैली के लिए जिन बड़े चेहरों की तलाश थी उन्होंने अभी किनारा कर लिया है। एक ओर बिहार बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है तो वहीं कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं तो ऐसे में लालू की रैली के लिए भीड़ भी शायद ही इकट्ठी हो सके।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग अभी खुद ही रोटी-पानी को लेकर परेशान हैं तो ऐसे में रैली में कैसे आ सकेंगे? हो सकता है कि राजद सुप्रीमो 27 की रैली को बाढ़ के मद्देनजर कुछ दिनों के लिए टाल भी सकते हैं।