लालू की रैली में जाने की शरद को मिलेगी ‘सजा’!

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लालू की रैली में जाने की शरद को मिलेगी ‘सजा’!
लालू की रैली में जाने की शरद को मिलेगी ‘सजा’!

राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी शरद यादव की मुसीबतें लगातार बढ़ती ही जा रही है। बिहार की स्थानीय पार्टी जेडीयू ने शरद को बागी करार दिया गया है। जेडयू ने न सिर्फ शरद को बागी करार दिया है बल्कि शरद की राज्यसभा की सदस्यता को अयोग्य करार देने का भी मांग करेगा। जी हाँ, शरद यादव को बिहार के विपक्षीय पार्टी के रैली में शामिल होने की सजा मिलेगी। हालांकि इस बात का अंदाजा शरद यादव को पहले से ही हो गया था।

खबर के मुताबिक, बिहार की स्थानीय पार्टी जेडीयू राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिख कर अपने बागी नेता शरद यादव को सदन की सदस्यता से अयोग्य करार देने की मांग करेगा। आपको बता दें कि शरद यादव ने पार्टी के निर्देशों को दरकिनार करते हुए रविवार को पटना में विपक्ष की ओर से आयोजित एक रैली में हिस्सा लिया, जिसके लिये अब शरद को राज्यसभी की सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ सकता है। आपको यह भी बता दें कि जेडयू पार्टी का कहना है कि लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल की ओर से आयोजित रैली में शिरकत करके शरद यादव ने स्वेच्छा से जेडीयू की सदस्यता छोड़ी है। आपको याद दिला दें कि इससे पहले शुक्रवार को जेडयू ने शरद को चेतावनी दिया था कि अगर वो रैली में शामिल हुए तो मान लिया जाएगा कि उन्होंने पार्टी छोड़ दिया है।

बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी का कहना है कि ‘दल-बदल से जुड़े मामलों से संबंधित संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर किसी अन्य पार्टी की रैली में शिरकत करता है, तो ये मान लिया जाता है कि उसने स्वेच्छा से अपनी मूल पार्टी की सदस्यता छोड़ी है। इस आधार पर यह मान लिया जाएगा कि शरद ने पार्टी को छोड़ दिया।
इसके साथ ही केसी त्यागी ने कहा कि पूर्व सांसद कैप्टन जय नारायण निषाद और उपेंद्र कुशवाहा की सदस्यता इसी तरह ख़त्म हुई थी। उदाहरण के बाद केसी ने कहा कि पार्टी जल्द ही राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से संपर्क कर शरद को अयोग्य करार देने की मांग करेगी।

आपको याद दिला दें कि नीतीश द्वारा बीजेपी के साथ सरकार बनाने से जेडयू के दिग्गज नेता सीएम नीतीश से बहुत नाराज दिखे, जिसकी वजह से अब शायद उन्होंने नीतीश का साथ न देने का फैसला लिया है। हालांकि अब शरद यादव की राज्यसभा की सदस्यता बरकार रहती है या फिर उनकी सदस्यता रद्द की जाती है, यह तो खैर वक्त ही बताएगा।