तो शरद दिखाएंगे अपना तेवर!

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तो शरद दिखाएंगे अपना तेवर!
तो शरद दिखाएंगे अपना तेवर!

बिहार की राजनीति में मचे घमासान के बाद जदयू पार्टी लगभग पूरी तरह से टूट चुकी है। जदयू पार्टी के दो दिग्गज नेता अब आमने सामने खड़े हो गये है। जी हाँ, हम बात कर रहे है, नीतीश और शरद यादव की। नीतीश और शरद यादव जहाँ पहले दोस्त हुआ करते थे, आज एक दूसरे को अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाने के लिए मैदान में खड़े हो चुके है। नीतीश द्वारा राज्यसभा में अपमान के बाद शरद नीतीश को अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हो चुके है। जी हाँ, शरद यादव अपना तेवर दिखाने के लिए मैदान में आ चुके है।

आपको बता दें कि नेता शरद यादव द्वारा बुलायी गयी बैठक में मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और सीताराम येचुरी सहित विपक्ष के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना है। शरद यादव ने देश की साझा विरासत को बचाने के उद्देश्य से इस सम्मेलन का आयोजन किया है। साथ ही आपको यह भी बता दें कि शरद यादव ने कहा कि बैठक में कांग्रेस, वाम, सपा, तृणमूल कांग्रेस, बसपा और राकांपा सहित कई विपक्षी दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। शरद के इस आयोजन को जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन करने के फैसले के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। शरद का दावा है कि यह आयोजन किसी के खिलाफ नहीं बल्कि देश के हित में है। यादव ने जोर दिया कि ‘‘साझा विरासत’’ संविधान की आत्मा है। शरद ने सिर्फ दावा ही नहीं किया बल्कि उन्होंने आरोप भी लगाया कि इसके साथ ‘‘छेडछाड’’ की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकों का देश भर में आयोजन किया जायेगा।

साथ ही जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि कल के आयोजन के लिये फैसला हफ्तों पहले लिया गया जब उनकी पार्टी विपक्षी समूह का हिस्सा थी। जदयू के बागी नेता शरद ने कहा कि साझा विरासत बचाओ सम्मेलन किसी के खिलाफ नहीं बल्कि देशहित में है। यह देश के 125 करोड़ लोगों के हित में है। उन्होंने रोहित वेमुला की आत्महत्या, जेएनयू छात्र नजीब अहमद के लापता होने, देश भर में किसानों की आत्महत्या आदि मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि वंचित लोगों के लिए स्थिति काफी कठिन है। आस्था के नाम पर हिंसा के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का समर्थन करते हुये यादव ने कहा कि यह जमीन पर नजर नहीं आता और मोदी को अपनी पार्टी की सरकारों को यह बताने की जरूरत है कि वह उनके आदेशों का पालन करें।

शरद भले ही इस आयोजन को नीतीश के खिलाफ नहीं बता रहे है, लेकिन सच्चाई तो यही है कि शरद यादव की यह बैठक नीतीश समेत बीजेपी के खिलाफ नई रणनीति बनाने के बारे में ही है। बहरहाल, मुद्दे पर कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी, क्योंकि यह बैठक के बाद ही पता चलेगा कि इस बैठक में क्या बात-चीत हुई। हालांकि शरद के बैठक से राजनीति गलियारों में हलचल मच गई है।