गुरू को भगवान का दर्जा दिया जाता है, साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि मां-बाप के बाद गुरू ही एक ऐसा इंसान होता है. जो अपने शिष्या को सही राह दिखाते है, लेकिन जब शिक्षक ही भक्षक बन जाएं तो बच्चे पढ़ने के लिए किसी गुरू के पास जाए ऐसा ही कुछ हुआ है, पलवल में रहने वाली एक छात्रा के साथ, जो दसवीं की छात्रा थी. जिसने अपने ही गुरू पर छेडछाड़ और अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया है.
बता दें कि अडिशनल सेशन जज डॉक्टर सुनीता ग्रोवर की अदालत में, दसवीं कक्षा की छात्रा के साथ छेड़छाड़ और अश्लील हरकत करने के मामले में एक शिक्षक को 5 साल की सजा और जुर्माने के तौर पर 50 हजार रूपये देने की सजा सुनाई गई है. अगर जुर्माना अदा नहीं किया गया तो 6 महीन की सजा बढ़ा दी जाएगी.
पुलिस पीआरओ मंजीत सिंह का कहना है कि हसनपुर पुलिस थाने के तहत प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा ने पुलिस में शिकायत दी थी. कहा कि दयाचंद नामक टीचर ने छात्रा को दसवीं में पास करवाने के नाम पर अकेले में कमरे में बुलाकर उसके साथ गलत काम किया है. जब उसने इसका विरोध किया तो आरोपी गूरू ने कहा कि उसे दसवीं में पास करने को कहा.
जब छात्रा ने इस बारे में बात कि तो उसने टीचर के इस व्यवहार को गतल कहां. जिसके बाद छात्रा ने इस बारे में अपने परिजनों से बात की. उसने टीचर की पूरी बात बता दी. जिसको सुनकर छात्रा के परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस में की. वहीं पुलिस ने पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया.
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एएसआई अनिता का कहना था कि यह मामला हाईकोर्ट में गया था. जहां से आरोपी को जमानत नही मिली और अडिशनल सेशन जज डॉक्टर सुनीता ग्रोवर की अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए, आरोपी को सजा सुनाई गई.