भारत दौरे पर रुस के राष्ट्रपति पुतिन मोदी के साथ कर सकते है मिसाइल समझौता

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रुस के राष्ट्रपति 4 अक्टूबर से भारत यात्रा पर है। अपनी भारत यात्रा के दौरान वह भारत के साथ एस-400 मिसाइल पर समझौता कर सकता है। भारत और रुस के बीच इस समझौते को लेकर कई सालों से बातचीत चल रहीं है। मॉस्को अब भारत को अपना अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम बैचने के लिए तैयार है।

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अमेरिका नें भारत को प्रतिबंध की धमकी दी है

अमेरिका नें कहा है की अगर भारत रुस के साथ यह समझौता करता है तो वह भारत पर प्रतिबंध लगाएगा। भारत नें कहा है की वह वॉश्गिटन के साथ रुस से हथियार खरीदने में छूट की मांग करेगा। वहीं अमेरीकी अधिकारियों नें कहा है की जरुरी नहीं है की अमेरिका भारत को रुस से हथियार खरीदने में कोई छूट देगा।

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भारत दोनों देशों को साथ लेकर चलना चाहता है

वहीं बात अगर भारत की करें तो भारत अपनी विदेश नीति में रुस और अमेरिका दोनों को एकसाथ रखकर चलना चाहता है। भारत अच्छे से जानता है की रुस और अमेरिका सैन्य तौर पर दुनिया में महाशाक्ति है ऐसे में एक के साथ दोस्ती रखकर दूसरे से दूरियां बढ़ाना भारत के हित में नहीं होगा। पिछले कुछ वक्त से भारत सैन्य खरीद में रुस से हटकर अमेरिका के पास गया है। जिससे रुस अपने हथियार बेचने के लिए पाकिस्तान के करीब आया है। भारत कभी नहीं चाहेगा की रुस के अत्याधुनिक हथियार पाकिस्तान के हाथ लगे ऐसे में भारत सैन्य चीजों की खरीद के लिए एक तरफ़ अमेरिका को अपने साथ रखना चाहता है तो दूसरी तरफ़ रुस के भी साथ रहना चाहता है।

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अमेरिका की समस्या यह है की वह चाहता है की भारत अपनी सैन्य जरुरतों को अमेरिकी कंपनियों से पुरा करें। क्योंकि भारत अपनी सैन्य जरुरतों को विदेशी देशों से ही पुरा करता है। ऐसे में अमेरिका चाहता है की जितना पैसा भारत अपनी सैन्य जरुरतों को पुरा करने के लिए अलग-अलग देशों से करता है उसकी बजाए वह अपनी सारी सैन्य जरुरतों को अमेरिका से पुरी करें।

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