मायावती की मांग : पिछड़ों को निजी क्षेत्र में और उच्च वर्गों को भी मिले आरक्षण का लाभ

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मायावती की मांग : पिछड़ों के साथ-साथ अगड़ों को भी मिले आरक्षण का लाभ

आरक्षण के मुद्दे पर एक कदम आगे बढ़ते हुए पिछड़े वर्गों की नेता और बसपा सुप्रीमो मायावती ने का कहना है कि बहुजन समाजवादी पार्टी हमेशा से ही दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दिए जाने के लिए केंद्र सरकार से मांग करती रही है। लेकिन हमारा ये भी मानना है कि पिछड़े वर्गों के साथ-साथ उच्च वर्गों, मुस्लिम समाज और अन्य अल्पसंख्यक समाज के गरीब लोगों को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था करकार को करनी चाहिए।

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मायावती का कहना है कि जब से केंद्र और राज्य की सरकारों ने सरकारी संस्थानों का निजीकरण करना शुरू कर दिया है, तब से ही बहुजन समाजवादी पार्टी समाज के शोषित, पीड़ित, दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दिए जाने के लिए केंद्र सरकार से लगातार मांग कर रही है। लेकिन पिछड़ों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बहुजन समाजवादी पार्टी की इस पहल को सभी सरकारों ने अनसुना कर दिया। कोई भी सरकार निजी क्षेत्र में पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए तैयार नहीं हुई। इसलिए बहुजन समाजवादी पार्टी एक बार फिर से मांग करती है कि इन तमाम वर्गों को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दिया जाए। साथ ही जो गरीब तबके के लोग हैं चाहे वह किसी भी धर्म या समाज के हों, उनको भी आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए।

मायावती ने आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश कुमार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि बिहार में बीजेपी के साथ सत्ता में बैठे लोगों को केंद्र में अपनी गठबंधन की सरकार से इन वर्गों को प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण देने की केवल मांग करने की बजाय इन्हें इसमें सीधा आरक्षण ही दिलवाना चाहिए। पिछड़ों की राजनीति केवल दिखावे के लिए नहीं होनी चाहिए।

मायावती का कहना है कि इस मामले में केवल बयानबाजी करके मीडिया में सुर्खियां बटोर कर सस्ती राजनीति प्राप्त करने से काम चलने वाला नहीं है। बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री को पहले अपने स्तर पर ही कुछ काम करके भी दिखाना चाहिए। मायावती ने मांग की है कि इन वर्गों के सरकारी नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण को भी संवैधानिक संशोधन के जरिए प्रभावशाली बनवाना चाहिए।