राहुल ने पीएम पर साधा निशाना

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राहुल ने पीएम पर साधा निशाना
राहुल ने पीएम पर साधा निशाना

देश के नेताओं की तो आदत सी हो गई है, एक दूसरे पर आरोप लगाना। यह कोई नयी बात नहीं है। राजनीति का तो यही आलम हो गया है कि नेता काम पर कम, आलोचना पर ज्यादा ध्यान रखते है। अपना काम चाहे जैसा हो, वह बहुत अच्छा है, लेकिन दूसरों के काम में हमेशा ही खामियां दिखाई देती है। राजनीति के गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप के मैदान में कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी उतर गये है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पर पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला है। आइयें, जानते है कि राहुल ने आखिर पीएम के लिये क्या कहा है?

खबर के मुताबिक, राहुल गांधी आज साझा विरासत बचाओ सेमिनार में शामिल हुए, जिसे शरद यादव ने आयोजित किया है। इस प्रोग्राम राहुल गांधी ने पीएम मोदी ने आरएसएस, मेक इन इंडिया, स्वच्छता अभियान पर जमकर हमला बोला है। अपने तीखी जबान से राहुल ने सबसे पहले कहा कि आरएसएस देश के संविधान को बदलना चाहती है। वह देश के हर बड़े ऑर्गनाइजेशन अपनी विचारधारा के लोगों को बैठा रही है। इसके बाद उन्होंने मोदी के मेक इन इंडिया पर हमला बोला। साथ ही राहुल ने यह भी कहा कि हर तरफ मेड चाइना के प्रॉडक्ट ही दिखाई दे रहे हैं।

जानियें, राहुल ने और क्या-क्या कहा?

राहुल ने कार्यक्रम में आरएसएस में फर्क बताते हुए कहा कि देश को देखने के दो तरीके हैं। एक व्यक्ति कहता है यह देश मेरा है। दूसरा व्यक्ति देश को देखता है और कहता है मैं इस देश का हूं। यह फर्क है हममें और आरएसएस में। राहुल यही नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि जब तक आरएसएस ने देश पर राज नहीं किया तब तक हिंदुस्तान के झंडे को सैल्युट नहीं मारा। अब ऐसा कर रहे हैं। अगर आपको देश से कुछ चाहिए तो कहना पड़ेगा यह मेरा है। अगर देश को देना है तो कहना पड़ेगा मैं देश का हूं।

राहुल ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए रोजगार को भी आड़े हाथों लिया। रोजगार पर राहुल ने कहा कि सत्ता में आने के लिए कहा था कि दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे। किसानों से कहा तुम्हारी पूरी मदद होगी। इतना ही नहीं राहुल ने पीएम के तमाम वादों को खोखला बतातें हुए कहा कि महिलाओं से कहा था, पूरी मदद करेंगे। सैनिकों से कहा वन रैंक वन पेंशन देंगे। आर्मी वाले जंतर-मंतर पर बैठे रहे। किसान भी यहां बैठे हैं। लेकिन सब उल्टा हो रहा है। तमिलनाडु के किसान कब से यहां प्रदर्शन कर रहे हैं।

बहरहाल, राजनीति में यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। राहुल गांधी की बात की जाए तो उनकी छवि आरोप लगाने वालों में ही की जाती है।