उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर लगा PSA

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उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती

अभी एक खबर आ रही है कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कुछ और लोगो के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है. जन सुरक्षा कानून (PSA) क्या है ? इसे कब और क्यों लागू किया गया ?
जन सुरक्षा कानून किसी भी व्यक्ति को मुकदमा चलाए बिना दो साल की अवधि हेतु बंदी बनाने की अनुमति देता है. इसे इसे अक्सर “बेरहम” (Draconian) कानून भी कहते हैं. अगस्त 2018 में राज्य के बाहर भी PSA के तहत व्यक्तियों को हिरासत में लेने की अनुमति देने के लिये अधिनियम में संशोधन किया गया था. इसको फारूक अब्दुल्ला के पिता व पूर्व सीएम शेख अब्दुल्ला लेकर आए थे। इस अधिनियम को 8 अप्रैल, 1978 को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने मंज़ूरी दी. शेख अब्दुल्ला की सरकार इमारती लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए ये कानून लेकर आई थी.

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इस कानून के तहत गिरफ्तार या नजरबंदी को लेकर एक समिति समय-समय पर समीक्षा करती है। इस कानून को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इसके तहत 16 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को बिना केस गिरफ्तार किया जा सकता था।

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2011 में न्यूनतम आयु को बढ़ाकर 18 वर्ष कर दिया गया।1990 के दौरान जब कश्मीर में उग्रवाद चरम था तब भी सुरक्षा बलों के लिए इस कानून ने हथियार का काम किया. 2016 में आतंकी बुरहान वानी की हत्या के बाद कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों के दौरान पीएसए के तहत 550 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था।पूर्व वित्तमंत्री पी चिंदबरम ने इस पर नाराजगी जताई है.

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