CAA के खौफ से भारत छोड़ बांग्लादेश जा रहे लोग, 350 अरेस्ट

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CAA के खौफ से भारत छोड़ बांग्लादेश जा रहे लोग, 350 अरेस्ट

भारत में नागरिकता संशोधन अधिनयम को लेकर काफी बवाल मचा था. इन सभी चीजों के बीच अब ऐसे वाकये भी सामने आने लगे है कि लोग देश छोड़कर बांग्लादेश की ओर रूख करने लगे हैं. दरअसल बांग्लादेश और भारत की सीमा पर स्थित जेनैदा जिले के मोहेशपुर इलाके से महिलाओं और बच्चों सहित कई लोग भारत से निकलकर बांग्लादेश में प्रवेश कर रहें है.

अभी तक में भारत से अवैध रूप से बांग्लादेश में प्रवेश करने के लिए महिलाओं और बच्चों सहित 350 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. वहीं दूसरी और पिछले एक महा में कई लोग बॉर्डर निगरानी को प्रबंधित करने में कामयाब रहें हैं.

बॉर्डर गार्ड बांग्लादेशी कर्मियों ने कहा कि भारतीय संसद में ये बिल पास होने के बाद सीमा के पास से लोग अवैध रूप से बांग्लादेश में प्रवेश कर रहे हैं और यह काफी बढ़ गया है. फिलहाल जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन लोगों का दावा है कि वह आजीविका के लिए भारत आए हुए थे. लेकिन वे कोई भी वैध दस्तावेज देने में नाकाम रहें.

वहीं दुसरी और कमरुल इस्लाम ने कहा कि सीमा पर हम कड़ी निगरानी रख रहे हैं. किसी को भी अवैध रूप से आने या जाने की अनुमति नहीं हैं, लेकिन यहां कई इलाके खुले हैं साथ ही यह भी कहा कि लोग अवैध रूप से आते है हमने कई को तो गिरफ्तार कर लिया है.

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इतना ही नहीं है बांग्लादेश पहले ही CAA पर बयान दे चुका है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के मीडिया सलाहकार इक़बाल शोभन चौधरी ने पिछले दिनों नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कहा था कि यह भारत का घरेलू मुद्दा है. इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि सीएए पर अगर बांग्लादेश को लेकर भ्रम या चिंता पैदा करने की संभावना हुई, तो यह हमारे लिए चिंता का विषय होगा.

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में ट्विटर कैंपेन की शुरुआत की है. #IndiaSupportsCAA हैशटैग से पीएम मोदी ने कैंपेन की शुरुआत कर लिखा है कि ‘भारत सीएए का समर्थन करता है, क्योंकि सीएए सताए गए शरणार्थियों को नागरिकता देने के बारे में है. यह किसी की नागरिकता लेने के बारे में नहीं है.

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इसके अलावा रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी इस साल के आखिरी मन की बात में भी कहा कि देश के युवाओं को अराजकता और जातिवाद से चिढ़ है. इसी के साथ कहा आज का युवा जात-पात से ऊचा सोचता है. यह युवा परिवारवाद और जातिवाद पसंद नहीं करते है.