16 साल की उम्र में गोल्डन गर्ल बनी मनु भाकर, सिर्फ शूटिंग ही नहीं दूसरे खेलों में स्वर्ण पदक विजेता हैं

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रविवार को मनु भाकर ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को शूटिंग में गोल्ड मेडल दिलाया. इस उपलब्धि के साथ पिछले दो महीने में यह उनका सातवां गोल्ड मेडल है. मनु ने 240.9 अंक के साथ गोल्ड पर कब्जा जमाया. साथ ही कॉमनवेल्थ गेम्स में रिकॉर्ड बनाकर गोल्डन गर्ल बन गयी.

हरियाणा के झज्जर की मनु ने स्वर्ण पदक तक के अपने सफर में दो रिकॉर्ड ध्वस्त किए. पहली बार इन खेलों में भाग ले रही मनु ने महिलाओं की दस मीटर एयर पिस्टल में हमवतन और पूर्व नंबर एक निशानेबाज हीना को पछाड़कर इन खेलों का अपना पहला पीला तमगा जीतकर इन्हें यादगार बना दिया. इससे पहले मनु ने क्वालिफिकेशन में भी 386 का स्कोर कर रिकॉर्ड बनाया.

छोटे से वक़्त में बड़ी उपलब्धि

हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव की मनु भाकर बॉक्सिंग और मार्शल आर्ट में भी पदक जीत चुकीं हैं मर्चेंट नेवी में इंजीनियर पिता रामकिशन ने दो साल पहले उनके हाथ में पिस्टल थमाई, जिसके बाद उन्होंने स्कूल में बनी एकेडमी में पढ़ाई के बाद रोज़ाना 6 से 7 घंटे शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस कर अपनी जीत पक्की की.

मनु की मां सुमेधा भाकर बताती हैं कि पिस्टल शूटिंग शुरू किए मनु को अभी सिर्फ दो साल हुए हैं. इससे पहले वह एक मुक्केबाज़ थीं, लेकिन आंख में चोट लगने की वजह से उसने मुक्केबाज़ी छोड़ दी, उसकी जान पर भी बन गई थी, पर किस्मत ने साथ दिया. लेकिन मनु ने खेल के प्रति अपना जज्बा कम नहीं होने दिया और शूटिंग में करियर बनाया. मनु पिछले साल आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में 49वें नंबर पर रहीं थीं.

हर साल नया खेल

मनु शूटिंग से पहले 6 अन्य खेलों में भी खुद को आजमा चुकी हैं. वह हर साल खेल बदलती है. वह अब तक कराटे, थांग टा, टांता, स्केटिंग, स्वीमिंग और टेनिस खेल चुकी है. कराटे, थांग टा और टांता में नेशनल लेवल पर मेडल जीत चुकी है. टांता में लगातार तीन बार नेशनल चैंपियन रही है. मनु ने स्केटिंग में भी स्टेट मेडल जीते हैं. मनु ने स्कूल लेवल पर स्वीमिंग और टेनिस भी खेला है. आखिरकार शूटिंग में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्टार का गोल्ड मेडल जीता.

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16 साल की मनु भाकर खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी अव्वल रही है. वह इस समय मेडिकल स्ट्रीम से ग्यारहवीं कक्षा की पढ़ाई कर रही है. 10वीं में भी सीबीएससी बोर्ड से 10 सीजीपी लेकर स्कूल में अव्वल स्थान हासिल किया था.

अचानक लगा निशानेबाज़ी पर निशाना

मनु की माँ ने बताया कि एक दिन उनके पापा रामकृष्ण भाकर शूटिंग रेंज में मनु के साथ घूम रहे थे, उन्होंने मनु को शूटिंग करने के लिए कहा. मनु ने शूटिंग की तो पहले ही शूट में उसने बिल्कुल बीच में 10 नंबर टारगेट पर शूट किया. तभी से उसने शूटिंग शुरू की और स्कूल में कोच के पास सीखा. इसके बाद नेशनल कोच यशपाल राणा ने मनु को ट्रेनिंग दी. वहीं से गुर सीखकर वह वर्ल्ड चैंपियन तक पहुंच गई. मनु ने शूटिंग में पहला पदक वर्ष 2016 में महेंद्रगढ़ में जीता. यहां तीन स्वर्ण पदक जीते. कुमार सुरेंद्र सिंह प्रतियोगिता में जूनियर व यूथ में स्वर्ण पदक. दिल्ली में आयोजित सैयद वाजिद अली प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक. पुणे में आयोजित प्रतियोगिता में एक स्वर्ण व एक रजत, दो कांस्य पदक.

स्वर्णपदक का सप्तऋषि

मनु ने सीनियर विश्व कप, दस मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत, दस मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा, जूनियर विश्व कप सिडनी, दस मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत, दस मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा, दस मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा, 25 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा, राष्ट्रमंडल खेल, 25 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत में स्वर्ण पदक जीतें हैं.

मनु का सन्देश

इतनी बड़ी जीत हासिल करने के बाद मनु ने मीडिया से बात करते हुआ “मैं बहुत खुश हूं. यह मेरे पहले राष्ट्रमंडल खेल हैं मैंने क्वालिफिकेशन में और फिर फाइनल में रिकॉर्ड के साथ जीत दर्ज की. मेरे और दूसरे स्थान की प्रतिद्वंद्वी के बीच काफी अंतर था. देश के लिए यह पदक जीतकर मैं बहुत-बहुत खुश हूं.”