मेट्रो किराया बढ़ने से महिला सुरक्षा, रोजगार समेत पर्यावरण का भी होगा नुकसान

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1 अक्टूबर से दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ जाएगा। इसी वर्ष मई में डीएमआरसी ने किराए में बढ़ोतरी किया था। जिसके बाद डीएमआरसी के ही मुताबिक मेट्रो में यात्रियों की संख्या कम हो गई थी। वहीं फिर से किराया बढ़ने के कारण लोग मेट्रो का रूख करना बंद कर देंगे।

बता दें कि मेट्रो दिल्ली और एनसीआर के बीच कई मायने में अहम कड़ी है। मेट्रो में यात्रा करना ना केवल आसान होता है बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी इसे काफी सुरक्षित माना जाता है। मानों आम लोगों की लाइफ लाइन बन गई है दिल्ली मेट्रो। डीएमआरसी के सर्वे के मुताबिक उनके ज्यादातर यात्री 10 से 30 कमाने वाले लोग हैं। ऐसे में क्यों बार-बार किराया बढ़ा कर ऐसे यात्रियों को मेट्रो छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके क्या नुकसान हो सकते हैं, आइये जानते हैं इसके बारे में-

महिला सुरक्षा

दिल्ली में महिला सुरक्षा एक अहम मुद्दा है। वैसे ही महिला सुरक्षा को लेकर दिल्ली की काफी फजीहत होती रही है, अगर सर्वे हो तो ऐसी हजारों महिलाएं मिल जाएंगी, जो केवल सुरक्षा को लेकर मेट्रो में सफर करती हैं। लेकिन लगातार दूसरी बार मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद, वो महिलाएं जिनकी आय ज्यादा नहीं है। उनको मेट्रो के सफर से तौबा करना पड़ेगा। इसके कारण वो अपने आप को असुरक्षित महसूस करेंगी। उनके घर वालों की चिंता बढ़ जाएगी। हो ना हो कई महिलाओं को केवल इस लिए नौकरी छोड़नी पड़ जाए क्योंकि उनके घर वाले उन्हें बस में सफर कर नौकरी करने के लिए ज्यादा दूर जाने की इजाजत नहीं देंगे। कुछ महिलाएं केवल इस लिए बेरोजगार हो जाएंगी क्योंकि उनकी सारी कमाई तो किराए में ही चली जाएगी। कम आय वाली बात पुरूषों पर भी लागू होगी।

बेरजगारी बढ़ेगी

जिन लोगों का दफ्तर घर से काफी दूर है, वो लोग आसानी से मेट्रो में सफर कर कम समय में भी दफ्तर पहुंच जाते थे, यही नहीं कम किराया होने के कारण किफायती होकर वो अपना सारा खर्चा काटकर भी कुछ ना कुछ बचा लेते थे। लेकिन अब किराया इतना बढ़ गया है कि वो मेट्रो से सफर कर नहीं सकते और दिल्ली में ट्रैफिक के ये हालात हैं कि बस से सफर करके आप ज्यादा दूर दफ्तर में समय से नहीं पहुंच सकते हैं लिहाजा बहुत से ऐसे लोगों की नौकरी छूट जाएगी, जो घर से बहुत दूर ऑफिस जाते हैं और उनकी आय ज्यादा नहीं है।

पर्यावरण को होगा नुकसान

मेट्रो में किराया बढ़ने के कारण वो लोग जिनके पास आवागमन के अपने साधन हैं। जैसे कि बाइक या करा वाले, वो मेट्रो छोड़ देंगे, क्योंकि इससे कम पैसों में तो वो अपनी गाड़ियों से सफर कर पाएगे। इससे ना दिल्ली में केवल ट्रैफिक की समस्या और जटिल हो जाएगी बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान होगा।