Google और फेसबुक इन्कॉग्निटो मोड में भी पोर्न देखने वालों पर इस तरह से रखते है नज़र

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इंटरनेट पर पोर्न साइट्स को एक्सेस करना आसान है, लेकिन यह सुरक्षा के लिहाज से जोखिमों को भी बढ़ाता है। अगर आपको लगता है कि आप क्रोम में इन्कॉग्निटो मोड (गुप्त मोड) करके कोई साइट विजिट करते है और आपकी हिस्ट्री कोई थर्ड पार्टी नहीं देख रही है तो आप गलत है। आप ट्रोजन और वायरस एकमात्र ऐसी चीज है जिसके बारे में आपको चिंता करने की ज़रूरत है तो आप गलत हो सकते हैं क्योंकि एक नए शोध से साबित हुआ है कि Google, फेसबुक और ओरेकल सहित टेक दिग्गज कंपनी आप पर नज़र बनाएं हुए है चाहे आप जितने भी गुप्त मोड में पोर्न देखें।

इसका मतलब यह है कि उस समय जब आप क्रोम में इन्कॉग्निटो मोड (गुप्त मोड) करके पोर्न को ऑनलाइन देख रहे होते हैं तो आपको यह विश्वास होता है कि कोई आप पर नज़र नहीं रख रहा है लेकिन फेसबुक और गूगल कुछ तकनीक के माध्यम से यूजर पर नज़र बनाये रखते हैं कि आप कितना पोर्न और किस साइट पर देख रहें हैं।

माइक्रोसॉफ्ट ने मार्च 2018 में कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कुल 22,484 वेबसाइटों का विश्लेषण किया। विश्लेषण करने पर उन्होंने पाया कि 93 प्रतिशत उपयोगकर्ता थर्ड पार्टी को डेटा लीक करते हैं। इनमें से Google लगभग 74 प्रतिशत विश्लेषण वाली पोर्न साइटों को ट्रैक करता है, जबकि ओरेकल लगभग 24 प्रतिशत साइटों को और फेसबुक लगभग 10 प्रतिशत पोर्न साइटों को ट्रैक करता है।

Google Facebook 1 -

शोधकर्ताओं ने अपने शोध में लिखा, “अमेरिका में कई विज्ञापन और वीडियो होस्टिंग प्लेटफ़ॉर्म ‘वयस्क’ सामग्री को मना करते हैं। उदाहरण के लिए, Google का YouTube दुनिया में सबसे बड़ा वीडियो होस्ट है, लेकिन यह पोर्नोग्राफी की अनुमति नहीं देता है। हालांकि Google पर पोर्न वेबसाइट उब्लब्ध है और गूगल इन वेबसाइटों पर जाने के लिए यूजर को मना नहीं करता है। हालांकि गूगल के पास अपनी कोड होस्टिंग का उपयोग करने से वेबसाइटों को मना करने की कोई नीति नहीं है।”

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Google पोर्न को होस्ट करने से इंकार करता है, लेकिन यूजर कितना पोर्न देखता है उसकी जानकारी अपने पास रखता है।

शोध ने उल्लेख किया कि अश्लील सामग्री देखते समय इन्कॉग्निटो मोड (गुप्त मोड) का उपयोग केवल यह सुनिश्चित करता है कि उपयोगकर्ताओं के ब्राउज़िंग हिस्ट्री को उसके कंप्यूटर पर सहेजा नहीं गया है। उनका ब्राउज़िंग डेटा उपयोगकर्ता के सेक्स इंटरेस्ट का अनुमान लगा सकता है। थर्ड पार्टी ट्रैकर्स कुकीज़ के माध्यम से यूजर की हिस्ट्री का पता लगा सकते है।