नई दिल्ली: केरल में कुदरत ने दिखाया अपना कहर. आज सुबह से राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन की घटना से 22 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में मूसलाधार बारिश होने की वजह से हालात इतने भयावह हो गए कि कोचीन एयरपोर्ट को बंद करना पड़ा. वहीं चेन्नई से एनडीरएफ (NDRF) की चार टीमों को केरल के लिए रवाना किया गया है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आपात बैठक बुलाई हुई है.
कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को किया बंद
इस तेज बारिश और पेरियार नदी में बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (सीआईएएल) ने हवाई अड्डा क्षेत्र के जलमग्न होने की आशंका के तहत यहां विमानों की लैंडिंग बंद करा दी गई है. सीआईएएल नदी के पास ही स्थित है.
ये ही नहीं बारिश के इस कहर का असर हवाई यात्रा पर ही नहीं बल्कि रेलवे यात्रा पर भी पड़ा है. कई जगहों में मौसम के इस कहर ने रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त कर दिए है. जिसे के कारण कुछ रूट पर ट्रेन बंद कर दी गई है. वहीं कोचीन हवाई अड्डे के निकट एक नहर का जलस्तर अधिक हो जाने की वजह से एर्नाकुलम जिला प्रशासन ने हवाई अड्डे की स्थिति की पूरी तरीके से समीक्षा की.
कई लोगों की हुई मौत
स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के अनुसार, मलापुरम में 5, कोझिकोड में 1, इडुक्की में 11, वायनाड में 3 और कन्नौर में 2 लोगों की मौत हो चुकी है. इडुक्की के अडीमाली शहर में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई. पुलिस प्रशासन और स्थानीय लोगों ने मिलकर दो लोगों को मलबे से जिंदा बाहर निकाला है.
वहीं इदामालयर बांध से आज सुबह तकरीबन 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे जलस्तर 169.95 मीटर तक पहुंच चुका है. बहरहाल, प्रशासन को हाईअलर्ट पर रखा गया है. इसके चलते इडुक्की, कोल्लम और कुछ अन्य जिलों में शैक्षिक संस्थानों में आज छुट्टी दी गई है. इडुक्की के विद्युत मंत्री एमएम मणि का कहना है कि बहुत बुरा हुआ. मैंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और आज सुबह इदामालय बांध को खोल दिया गया है. हम इडुक्की बांध का भी एक हिस्सा खोलेंगे. बता दें कि इससे पहले इडुक्की बांधका द्वार 1992 में खोले गए थे.