एक भी मैच खेले बिना सांसद के बेटे का टी-20 में चयन हुआ

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बिहार हमेशा से अपनी राजनीती और बाहुबल के लिए चर्चा में रहा है. इस बार ऐसा ही एक मामला सामने आया है मगर ट्विस्ट ये है कि ये केस सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि क्रिकेट जैसे अहम खेल से जुदा हुआ है.

सार्थक के कारण हितेन दलाल को रिज़र्व में रखा

दरअसल बिहार के नेता राजेश रंजन (पप्पू यादव) के बेटे सार्थक रंजन का चयन दिल्ली की टी-20  टीम में हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सार्थक ने एक भी मैच नही खेला है और उन्हें टीम में चयनित कर लिया गया है. सार्थक की वजह से टॉप स्कोरर रहे हितेंन दलाल को अंडर 23 की टीम  में रिजर्व में रखा गया है.

बाहुबली नेता रहे हैं राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव

पप्पू यादव राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व नेता और मधेपुरा से सांसद हैं. पप्पू यादव ने ‘जन अधिकार पार्टी’   के नाम से खुद की पार्टी बना ली थी. उनकी पत्नी रंजीत रंजन सुपौल से कांग्रेस की सांसद हैं. अचानक से इस सीज़न के आखिर में सार्थक की मां रंजीत रंजन ने डीडीसीए के एडमिनिस्ट्रेटर रिटायर्ड जस्टिस विक्रमजीत सेन को ईमेल में लिखा कि उनका बेटा अवसाद से गुजर रहा था और खेलने के लिए फिट नहीं था.

समिति के सदस्यों पर भी लगे आरोप

चयन समिति के तीन सदस्यों अतुल वासन, हरि गिडवानी और रोबिन सिंह जूनियर पर प्रतिभाओं को नजरअंदाज कर रसूखदार लोगों के बेटों को टीम में जगह देने के आरोप लगे हैं. कहा जा रहा है कि इनके द्वारा चयनित लड़कों का प्रदर्शन बिल्कुल भी ठीक नहीं रहा है. पप्पू यादव के बेटे ने मुस्ताक अली कैंपेन के दौरान तीन मैचों में महज 10 रन ही बनाए थे. जिनमें सार्थक ने एक मैच में 5, दूसरे में 3 और तीसरे मैच में 2 रन बनाए थे.

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कहा ये भी जा रहा है कि सीज़न की शुरुआत में सार्थक ने रणजी ट्रॉफी की संभावित लिस्ट से खुद को खींच लिया था. ऐसी भी खबरें आ रही थीं कि खेल से सार्थक का मोहभंग हो गया था और वह मिस्टर इंडिया बनने के लिए बॉडी बिल्डिंग पर ध्यान दे रहे थे. पर फिर उनकी माँ की चिट्ठी ने उन्हें टी-20 की टीम में जगह दिलवा दी.

प्रोटोकॉल के हिसाब से जस्टिस विक्रमजीत सेन ने पत्र चयनकर्ताओं को भेजा क्यों कि यह उनका मामला था. अचानक, बिना कोई मैच खेले सार्थक को सीके नायडू ट्रॉफी खेलने वाली दिल्ली अंडर-23 टीम में स्टेंडबाई पर रखा गया. जब वासन से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- सार्थक मानसिक तौर पर अस्वस्थ्य चल रह थे. जब फिट लगे तो मैंने व्यक्तिगत तौर पर उन पर नजर रखी और उन्हें दिल्ली की अंडर-23 में रखा.

दबी आवाज़ में हितेन का समर्थन कर रहे हैं अधिकारी

टॉप स्कोरर रहे हितेन दलाल को स्टेंडबाई में रखने पर लोगों में नाराज़गी रही. हितेन ने सीके नायडू ट्रॉफी में शानदार 468 रन बनाए थे. जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल थे. हितेन ने 52 के औसत से रन बनाए थे और उनका स्ट्राइक रेट 91.58 रहा था. उन्होंने 17 छक्के भी जड़े थे.

डीडीसीए के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि हितेन जैसे लड़कों को आप कहा रखेंगे जिनके मां-बाप राजनीति में नहीं हैं. जो खिलाड़ी एक भी मैच नहीं खेलता है, एक पत्र के दम पर उसे टीम में जगह दे दी जाती है.