कश्मीर पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की बड़ी बैठक में कई अहम चीजों पर हो सकता है विचार-विमर्श

492

बीजेपी के मुख्य नेता अमित शाह ने आज कश्मीर मसले पर बड़ी मीटिंग बुलाई है. शाह ने पार्टी के शीर्ष नेताओं समेत जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल अपने मंत्रियो को भी बुलाया हैं. इस बैठक के लिए अमित शाह पार्टी कार्यलय पहुंच गए हैं, कुछ ही देर में बैठक शुरू होगी. जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में अमित शाह जुम्म-कश्मीर के मंत्रिमंडल में शामिल हुए सभी मंत्रियों की राय चाहते है, उसके बाद वह राज्य में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्री द्वारा आक्रामक कार्रवाई शुरू करेंगे.

दोनों पार्टी पीडीपी-बीजेपी का गठबंधन जारी रहेंगा. इस बैठक में दोनों पार्टी का मुख्य एजेंडा राज्य में विकास को आगे बढ़ाना है. बता दें जम्मू-कश्मीर में रमज़ान के पाक महीने में सीजफायर का ऐलान किया गया था, जिस दौरान काफी जवानों पर हमलों का सिलसिला नहीं थमा. जिसकी वजह से मोदी सरकार की खूब किरकिरी हो रही है. साथ-साथ बीजेपी को निशान में लिया जा रहा है. ऐसे में अमित शाह द्वारा इस बैठक को बुलाना कोई बड़ी संदेश की ओर इशारा करता है.

यह भी पढ़ें: पीएम नरेंद्र मोदी एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे रायपुर, इंटीग्रेटेड कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर का किया उद्घाटन

भाजपा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना का बयान

कुछ समय पहले भाजपा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने बयान दिया है कि इस बैठक में आगामी चुनाव को लेकर विचार-विमर्श किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में बीजेपी का ही सीएम बनेगा. आगे बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसी भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सलाह पर ही कदम उठाती आई है, चाहे वह रमज़ान के मौके पर सीजफायर का मामला हो या अलगाववादी धड़ा हुर्रियत कांफ्रेंस के साथ वार्ता का मुद्दा हो. वहीं अब कहा जा रहा कि मोदी सरकार कोई भी फैसला अब अपनी पार्टी के नेताओं के सलाह के बिना नहीं ले सकती है.

राज्यपाल शासन को लागू करने पर ले सकते हैं पार्टी के मंत्रियो से राय

जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय की अहम चिंता अमरनाथ यात्रा को लेकर. क्योंकि कई दिन से अमरनाथ यात्रा को लेकर आतंकी इस मसले पर काफी सतर्क हो रखे है उन्होंने इस यात्रा को इस बार अपना निशान बनाने को सोचा हुआ है. वहीं इस बैठक में अमित शाह पार्टी के मंत्रियो से यह जानने में जोर देंगे कि अगर हालात में सुधार होने की कोई भी गुंजाइश बनती हो तो क्या जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन को लागू कर दिया जाए. वहीं यह भी पूछा जा सकता है कि अगर राज्य में राज्यपाल शासन को लागू हो गया तो क्या दोनों पार्टी पीडीपी-बीजेपी के रिश्ते इस कारण प्रभावित तो नहीं होंगे. इस बैठक में शाह कश्मीर की समस्याओं और सियासी हालातों पर चर्चा भी कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: नमो ऐप को संबोधित करते हुए पीएम मोदी बोले डिजिटल इंडिया है दलाली रोकने का अभियान

किसे किसे बुलाया गया

इस बैठक में बीजेपी प्रमुख रवींदर रैना और पार्टी महासचिव (संगठन) आशोक कौलको भी बुलाया गया है. इस पर सभी नेताओं ने सोमवार को ही ट्रेन पकड़ ली, जो आज दिल्ली पहुंच जाएंगे. जम्मू-कश्मीर के बीजेपी नेताओं को ऐसे वक्त में दिल्ली बुलाने का फैसला किया है जब केंद्र सरकार ने राज्य में घोषित सीजफायर को आगे नहीं बढ़ाने का अहम फैसला लिया है. सरकार ने सेना को आदेश दिया है कि आतंकियों के खिलाफ फिर से कार्रवाई को शुरू किया जाए. बहरहाल, जम्मू-कश्मीर की वर्तमान हालात को ध्यान में रखते हुए भाजपा के कैबिनेट मंत्री को तुरंत बुलाया जाना कुछ महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. अब तो बैठक के बाद ही पता चलेगा कि इतनी जल्दी बैठक में सभी मंत्रियों को बुलाने की वजह असल में है क्या.