बिहार बोर्ड में 10वीं के परिणाम घोषित होने से पहले सामने आई एक बड़ी लापरवाही, 42 हजार कॉपियां हुई गायब

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बिहार: बिहार बोर्ड में हर साल कुछ न कुछ नए कारनामे देखने और सुनने को मिलते ही रहते है इस बार जहां एक तरफ बिहार 10वीं बोर्ड परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवार रिजल्ट का इंतजार कर रहें है. वहीं कल नतीजे जारी किये जाने से पहले ही बिहार बोर्ड 10वीं क्लास की कोपियां गायब होने को लेकर खूब सुर्खियों में छाया हुआ है. जी हां, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन में 10वीं बोर्ड के परिणाम घोषित होने से पहले ही 42 हजार उत्तर पुस्तिकाएं गायब हो गई है. बिहार के नवादा की 42 हजार कॉपियों का कोई अता-पता नहीं चल है.

कैसे हुई कापियां गायब

जानकारी के अनुसार, जांच के लिए भेजी गई उत्तर पुस्तिकाएं में परीक्षा समिति ने 12 टॉपर छात्रों की कॉपी जांच के लिए मंगवाई तो तब 42 हजार कॉपियां गायब होने का पता चला. जैसे इस खबर की सूचना प्रशासन में पड़ी तो परीक्षा महकमे में हड़कंप मच गया और डीएम द्वारा दिए गए आदेश पर कापियां गायब होने के मामले में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है.

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नतीजे जारी होने के एक दिन पहले ही अब बोर्ड प्रशासन में सवाल उठ रहें है. अब आखिर परीक्षा के नतीजे कैसे जारी होंगे. और अगर रिजल्ट जारी होने के बाद अगर कोई परीक्षार्थी अपनी कॉपी रि-चेक जांच के लिए आवेदन करता है तो उसकी क्रॉस चेकिंग कैसे होगी. ऐसी स्थिति में अब बिहार बोर्ड क्या करेगा देखना यह दिलचस्प है. जहां एक तरफ कितने छात्र रिजल्ट की आस लगे हुए है.

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दो दिन पहले बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष ने दावा किया था कि दसवीं कक्षा के नतीजों में बारहवीं कक्षा की तरह गड़बड़ी नहीं पाई जाएगी. आपको बता दें कि बोर्ड ने 10वीं बोर्ड परीक्षा का आयोजन 21 फरवरी से 28 फरवरी के दौरान किया था. वहीं प्रेक्टिकल परीक्षाएं 22 जनवरी से 24 जनवरी के बीच करवाई गई थीं. इस साल बिहार बोर्ड में 10वीं की परीक्षा के लिए 17.70 लाख उम्मीदवारों ने नामांकन करवाया था. परीक्षा को 1,426 परीक्षा केंद्र में आयोजित किया गया था. इससे पहले 6 जून को बिहार बोर्ड ने12वीं क्लास के परिणाम की घोषणा की थी. जिसमें 52.95 फीसदी छात्र पास हुए थे.

बिहार बोर्ड हर साल ही अपने टॉपर्स को लेकर अख़बारों की सुखियों में बन रहता है. पिछले दो साल से टॉपर्स की जानकारी पर सवाल उठे है. तो वहीं इस साल टॉपर की अटेंडेंस को लेकर बिहार बोर्ड चर्चा का पात्र रहा. यहीं नही बिहार बोर्ड अपनी लापरवाही को लेकर भी हमेशा आगे रहता है.