Aiims में जल्दी इलाज कराना है, तो इस UPI पर पैसे भेज दो… सफेद कोट में घूमती थी मरीजों को ठगने वाली फर्जी डॉक्टर

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Aiims में जल्दी इलाज कराना है, तो इस UPI पर पैसे भेज दो… सफेद कोट में घूमती थी मरीजों को ठगने वाली फर्जी डॉक्टर

Aiims में जल्दी इलाज कराना है, तो इस UPI पर पैसे भेज दो… सफेद कोट में घूमती थी मरीजों को ठगने वाली फर्जी डॉक्टर

नई दिल्ली: देश के कोने-कोने से लोग बड़ी उम्मीद के साथ दिल्ली एम्स आते हैं। एक धारणा है कि जब कहीं से कोई उम्मीद न दिख रही हो तो एम्स चले जाओ। लेकिन मरीजों और उनके परिवारों की भावनाओं के साथ खेलकर कुछ लोग फर्जीवाड़ा करते हैं। जी हां, 27 साल की एक फर्जी जूनियर डॉक्टर को एम्स से गिरफ्तार किया गया है। वह सफेद कोट पहने मिलती थी। मरीजों के जल्दी इलाज का झांसा देकर वह रुपये ऐंठती थी। उसके कोट पर फर्जी नाम भी लिखा होता और लोग उसे एम्स का स्टाफ डॉक्टर समझ लेते थे। जबकि सच्चाई यह है कि शुभी त्रिवेदी मेडिकल ग्रेजुएट भी नहीं है। उसने बरेली की एक यूनिवर्सिटी से माइक्रोबायोलॉजी में बीएससी की पढ़ाई की है। ग्रेटर नोएडा की एक यूनिवर्सिटी से वह फॉरेंसिक साइंस में एमएससी भी है।

खुद इलाज कराने एम्स आई थी

यूपी के बदायूं की रहने वाली शुभी त्रिवेदी एक बार एम्स आई थी। यहां उसने देखा कि लोग इतने परेशान रहते हैं कि हमेशा सफेद कोट वालों को ढूंढते रहते हैं और ऐसे में उसके दिमाग में पैसे कमाने की तरकीब सूझी। 18 अप्रैल को हरिद्वार के एक शख्स ने पुलिस को त्रिवेदी के बारे में जानकारी दी। उस शख्स ने अपनी शिकायत में बताया कि वह अपनी बेटी के हार्ट ट्रीटमेंट के लिए 21 मार्च को एम्स आया था लेकिन पता चला कि वेटिंग पीरियड बहुत ज्यादा है। तभी एक जूनियर रेजिडेंट मिली, जिसने जल्दी प्रक्रिया पूरी कर इलाज का आश्वासन दिया। त्रिवेदी ने डॉक्टर का कोट पहन रखा था और खुद को फोरेंसिक और टॉक्सिकोलॉजी विभाग में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर बताया।

96 हजार दो और 10 दिन बाद आना
पीड़ित ने यूपीआई के जरिए 96,000 रुपये भी दे दिए और सफेद कोट वाली महिला ने उन्हें 10 दिन बाद अस्पताल आने को कहा। बाद में जब पीड़ित 10 दिन बाद आया तो महिला नहीं मिली। सफेद कोट वाली महिला से संपर्क करने की कोशिश की तो फोन अनरीचेबल था। उन्हें कुछ गलत लगा तो पुलिस के पास पहुंचे।

शिकायतकर्ता भी खुद इस रिश्वत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं थे और उन्होंने गुपचुप तरीके से त्रिवेदी का फोटो ले लिया था। इस तस्वीर के जरिए महिला को ढूंढा जाने लगा। ओपीडी में दो पुलिसकर्मियों को सादे ड्रेस में तैनात कर दिया गया, जहां एक महीने पहले वह महिला मिली थी। स्टाफर और सिक्योरिटी गार्ड को भी उसका फोटो दिखाया गया। मंगलवार को त्रिवेदी एक और शख्स को ठगने की कोशिश करती दिखी।

पूछताछ में उसने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में वह अपने आंखों का इलाज कराने के लिए आई थी तो उसे लगा कि लोग सफेद कोट वालों पर कितना भरोसा करते हैं। उसने अपने नाम और अस्पताल के लोगो के साथ कोट सिलाया और नया खेल शुरू कर दिया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या महिला ने कुछ और लोगों को ठगा है?

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