एक बन्दर के नाम कर दी इस महिला ने अपनी सारी जमा पूंजी, वजह जाकर आप भी चौक जायेंगे

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जानवरों के प्रति लोगों के प्यार की आपने कई कहानिया सुनी होंगी l लेकिन ये कहानी सुनके आप भी कहेंगे कि एक जानवर और इंसान के बीच हमने ऐसा प्यार कहीं नहीं देखा l

बन्दर के नाम कर दी अपनी सारी  सम्पती
दरअसल उत्तर प्रदेश के रायबरेली से एक ऐसी ही दिलचस्प कहानी सामने आई हैl यह कहानी उत्तर प्रदेश की समिस्ता की, समिस्ता ने 1998 में ब्रिजेश श्रीवास्तव से लव मैरिज की l शादी के इतने साल भी दोनों की कोई संतान नहीं है l सबिस्ता ने घर वालों और समाज के विरुद्ध जाकर ब्रिजेश से शादी की थी ,जिसके बाद उनका समाज में जीना दूभर हो गया थाl कामकाज ठप्प होने से ऊपर कर्ज भी बढ़ता चला गयाl मन की शान्ति के लिए उन्होंने सारे धार्मिक किताबों का अध्यन किया ,हर मंदिर में माथा टेका ,हजारों पीर -फकीरों की दर्गाहों पर चादर चढाई l इसी बीच साल 2005 में समिस्ता और ब्रिजेश की जिंदगी में एक बन्दर “चुनमुन”आया l

माँ की तरह की चुनमुन की परवरिश
सबिस्ता बताती है ,जब से चुनमुन ने हमारे घर में कदम रखा हमारी किस्मत खुल गयी ,सबिस्ता ने एक माँ की तरह चुनमुन की परवरिश की घर के तीन कमरे उसके लिए विशेषतौर रखे गए थेl चुनमुन के कमरे में एयरकंडीशनर और हीटर भी लगा हुआ था. 2010 में शहर के पास ही छजलापुर निवासी अशोक यादव के यहां पल रही बंदरिया से उसका विवाह भी कराया गयाl उनकी कोई संतान नहीं थी, इसीलिए उन्होंने चुनमुन को ही अपना बेटा मान लिया था l

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मुस्लिम होने के बावजूद चुनमुन की याद में करवाया मंदिर का निर्माण
आपको बता दें कि, वर्ष 2017 में चुनमुन की मौत हो गयी l जिसके बाद सबिस्ता ने अपनी सारी सम्पति चुनमुन के नाम कर दी l वह पेशे से एक कवियत्री है और धर्म से मुस्लिम जिसके बावजूद उन्होंने चुनमुन की याद में,अपने घर में उसका मंदिर बनवाया बीते मंगलवार को मंदिर में राम-लक्ष्मण और सीता के साथ बंदर की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गईl इस मौके पर भंडारा भी कराया गयाl समिस्ता ने अपने घर का नाम भी बंदर के नाम पर रखा हैl

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