पूर्व राजनयिक माधुरी गुप्ता दोषी करार, जानिए क्या है वजह

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दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व भारतीय राजनयिक माधुरी गुप्ता को पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई को भारत की सुरक्षा के संबंधो से जुड़े मामलों पर दोषी करार कर दिया है. माधुरी गुप्ता पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रेस एवं सूचना सचिव थी. दिल्ली पुलिस ने उन्हें 2010 में गिरफ्तार किया था. आज करीब दस साल के बाद इस फैसले का नतीजा आया है, जिसमे माधुरी को अधिकतम तीन साल तक की सजा हो सकती है.

जानकारी के अनुसार, दिल्ली अदालत के सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने माधुरी गुप्ता को जासूसी करने और भारत की गोपनीय सूचना आईएसआई को देने के मामले में भारतीय गोपनीयता अधिनियम की कई धाराओं में दोषी करार दिया है. बहरहाल, माधुरी की सजा की अवधि पर बहस होनी है. इससे पहले भी माधुरी गुप्ता 21 महीने की सजा कट चुकी है. आज दोनों पक्ष के वकीलों, सजा कितनी होनी चाहिए इस पर बहस करेंगें.

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कौन है माधुरी गुप्ता

माधुरी गुप्ता इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास में प्रेस और सुचना के पद पर नियुक्त थी. पर जब उनके बारे में पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI को भारत की संवेदनशील जानकारी देने का पता चला तो उन्हें इस आरोप में 22 अप्रैल 2010 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद से ही उन्हें अपने पद से निलंबित किया गया.

आपको बता दें कि भारतीय राजनयिक माधुरी गुप्ता को सुचना और आईएसआई के दो अधिकारियों मुबशर राजा राणा और जमशेद के संपर्क में रहने का आरोप था. जनवरी 2012 में दिल्ली की अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा भी कर दिया था. भारतीय राजनयिक द्वारा अपने ही देश की जानकारी देने जैसे किया गया घोर अपराध उनको सजा का पात्र जरुरु साबित करता है. इस महिला पर देश का विश्वास को ठेस पहुंचना आपराधिक साजिश और इस अधिनियम के कई प्रावधानों के तहत आरोप तय किए गए हैं.

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आपको बता दें कि माधुरी पर मुकदमा 22 मार्च, 2012 से शुरू हुआ था. उन पर आरोप लगा था कि माधुरी ने कई गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान के अधिकारियों को दीं और वह आईएसआई के दो अधिकारियों, मुबशार रजा राणा और जमशेद के संपर्क में थीं. वहीं 2010 में दायर आरोपपत्र में यह बताया गया कि माधुरी जमशेद के साथ संपर्क में थी. और उससे शादी करनी की योजना बनी थी.