शादी के बाद पहले सावन माह में विवाहिता ससुराल में क्यों नहीं रहती हैं ?

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शादी के बाद पहले सावन माह में विवाहिता ससुराल में क्यों नहीं रहती हैं ?
शादी के बाद पहले सावन माह में विवाहिता ससुराल में क्यों नहीं रहती हैं ?

शादी के बाद पहले सावन माह में विवाहिता ससुराल में क्यों नहीं रहती हैं ? ( Why the married woman does not stay with her in-laws’ house in the first month of Sawan after marriage? )

हमारा देश प्रचीन काल से ही धार्मिक रिति-रिवाजों को मानने वाला रहा है. हमारे देश में अनेंक धर्मों को मानने वाले लोगों रहते हैं. इसके साथ ही प्राकृतिक तौर पर भिन्नता के कारण भी भारत की सबसे बड़ी विशेषता यहां की विविधता है. इसके कारण यहां पर कई तरह की रिति-रिवाज हैं. जिनके बारे में जानने की लोगों में बहुत इच्छा होती हैं. हालांकि ये मान्यताएं होती हैं. लेकिन इनके पीछे भी कुछ लोग कारण जानने की कोशिश करते हैं. इस तरह का एक सवाल जो आमतौर पर लोगों के मन में आता है कि शादी के बाद पहले सावन माह में विवाहिता ससुराल में क्यों नहीं रहती हैं ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

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भगवान शिव

सावन माह में विवाहिता ससुराल में क्यों नहीं रहती हैं –

सावन के महीने को भगवान शिव का महीना कहा जाता है तथा इस महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है. कुछ ऐसी भी धार्मिक मान्यताएं हैं कि भगवान शिव काम देव के शत्रु थे. ऐसी मान्यता है कि एक बार सावन में महीने में कामदेव ने भगवान शिव पर बाण चला दिया था. जिसके बाद भगवान शिव को कामदेव पर गुस्सा आ गया. इसी कारण सावन के महीने में कामदेव से शत्रुता के कारण इस महीने में शिव की पूजा की जाती है तथा कामदेव को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है.

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नवविवाहिता

इसके अलावा जानकारों का ऐसा भी मानना है कि कि सावन के महीने में कई प्रकृति तथा मनुष्य के अंदर नए रस या रक्त का संचार होता है. जिसकी वजह से शारीरिक संबंध बढ़ाने की इच्छा बढ़ जाती है. इसे आयुर्वेद में भी माना जाता है. यह तो आपने सुना ही होगा कि अति हर चीज की बुरी होती है. ज्यादा शारीरिक संबंध बनाने से नवविवाहिता के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा जानकारों का मानना होता है कि अगर इस महीने में गर्भ ठहरता है, तो वह भी मानसिक या शारीरिक रूप से कमजोर हो सकता है. यहीं कारण है कि धर्म में ऐसे रिति-रिवाज और परंपराएं बनाई गई कि शादी के बाद पहले सावन माह में विवाहिता ससुराल के बजाय मायके में चली जाती है.

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सावन में महीने में कई त्यौहार आते हैं. इन त्यौहारों को मायके में रहकर मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में मायके में रहकर मनाए जाने वाले इन त्यौहारों से नवविवाहिता के पति की उम्र लंबी होती है. इसके साथ ही उनका दांपत्य जीवन खुशहाल होता है. भगवान शिव की पूजा करने से उनकी हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ऐसी मान्यताएं हैं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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