सामाजिक सहायता की नई परिभाषा लिख रहे राहुल बोरोले | Social activist Rahul Borole helped needy people | Patrika News

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सामाजिक सहायता की नई परिभाषा लिख रहे राहुल बोरोले | Social activist Rahul Borole helped needy people | Patrika News

सामाजिक सहायता की नई परिभाषा लिख रहे राहुल बोरोले | Social activist Rahul Borole helped needy people | Patrika News

किसी भी उद्योग का हिस्सा होने के साथ-साथ बहुत सारी चुनौतियां और बाधाएं आती हैं लेकिन कुछ ऐसे भी युवा हैं जो किसी भी चुनौती और बाधा को पार करके लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाते हैं। इन्हीं युवाओं में से एक हैं राहुल बोरोले। राहुल को रचनात्मक रूप फोटोग्राफी प्रतिभा तो समाज में एक महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है।

जयपुर

Published: July 25, 2022 11:21:15 pm

किसी भी उद्योग का हिस्सा होने के साथ-साथ बहुत सारी चुनौतियां और बाधाएं आती हैं लेकिन कुछ ऐसे भी युवा हैं जो किसी भी चुनौती और बाधा को पार करके लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाते हैं। इन्हीं युवाओं में से एक हैं राहुल बोरोले। राहुल को रचनात्मक रूप फोटोग्राफी प्रतिभा तो समाज में एक महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। कोरोना का सबसे भीषणतम समय अब बीत गया है लेकिन उस संकट के समय प्रदेश की राजधानी जयपुर सहित जोधपुर में भी जरूरतमंद लोगों को हर सहायता उपलब्ध कराई। फिर चाहे वह भोजन और मास्क की बात हो या फिर जिंदगी का हिस्सा बन चुके सैनिटाईजर की।
राहुल बोरोले याद करते हैं कि कैसे वह स्कूल में बैकबेंचर थे और पढ़ाई में उनकी रुचि बहुत कम थी।लेकिन वह राष्ट्रहित के विषयों को पढ़ने में और उन पर चर्चा करने में हमेशा रुचि लेते थे। उन्होंने बचपन से ही देखा कि उनका परिवार जरूरतमंदों को भोजन और पानी उपलब्ध कराता था। इसका उनके ऊपर भी असर हुआ और वह खुद भी सामाजिक कार्यों में रुचि लेने लगे।
राहुल बोरोले चाहते हैं कि शहर में कोई भी व्यक्ति पानी, भोजन सहित किसी अन्य मूलभूत आवश्यकता और अधिकारों के लिए संघर्ष न करे।यही वजह है कि कोरोना काल के बाद भी उनकी एक टीम लगातार ही गरीबों को खाना खिला रही है। इसके साथ ही वंचित बच्चों के शैक्षिक अधिकारों पर भी काम करती है। कोरोना महामारी में अपने जीवन यापन के साधनों को खो चुके लोग को फिर से अपनी आजीविका को शुरू कराने का उपक्रम कर रहे हैं।

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Anand Mani Tripathi

आनंद मणि त्रिपाठी (@aanandmani) राजनीति, अपराध, विदेश, रक्षा एवं सामरिक मामलों के पत्रकार हैं। पत्रकारिता के तीनों माध्यम प्रिंट, टीवी और आनलाइन में गहरा और अपनी तेज तर्रार रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के कानपुर और बस्ती में हुई। माध्यमिक शिक्षा नवोदय विद्यालय बस्ती, फैजाबाद और पूर्वोत्तर त्रिपुरा के धलाई जिले में हुई। अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से स्नातक और 2009 में जेआईआईएमसी,दिल्ली से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया।
हरियाणा से पत्रकारिता आरंभ की। शिक्षा, विज्ञान, मौसम, रेलवे, प्रशासन, कृषि विभाग और मंत्रालय की रिपोर्टिंग की। इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग से शिक्षा और रेलवे विभाग के कई भ्रष्टाचार का खुलासा किया। रक्षा मंत्रालय के रक्षा संवाददाता पाठयक्रम-2016 पूरा किया। इसके बाद रक्षा मामलों की पत्रकारिता शुरू कर दी। चीन, पाकिस्तान और कश्मीर मामलों पर तीक्ष्ण नजर रहती है।
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या 2017, राइफलमैन औरंगजेब की हत्या 2018, जम्मू—कश्मीर में बदले 2018 में बदले राजनीतिक समीकरण, पुलवामा हमला 2019, कश्मीर से 370 का हटना, गलवान घाटी मुठभेड़ 2020 को बेहद करीब से जम्मू और कश्मीर में रहकर ही कवर किया। कोरोना काल 2020 में भी लददाख से नेपाल तक की यात्रा चीन के बदलते समीकरण को लेकर की।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव 2019 में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की रिपोर्टिंग की। 9 नवंबर 2019 को श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या मामले में आए फैसले की अयोध्या से कवर किया। 2022 उत्तरप्रदेश् चुनाव को सहारनपुर से सोनभद्र तक मोटर साइकिल के माध्यम से कवर किया। पत्रकारिता से इतर आनंद मणि त्रिपाठी को संगीत और पर्यटन का जबरदस्त शौक है। इन्हें किसी भी कार्य में असंभव शब्द न प्रयोग करने के लिए जाना जाता है…

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