साइबर फ्रॉड की यह कॉल आपके दिमाग को कर देगी ‘सुन्न’, दिल्ली के युवक की कहानी उसी की जुबानी..

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साइबर फ्रॉड की यह कॉल आपके दिमाग को कर देगी ‘सुन्न’, दिल्ली के युवक की कहानी उसी की जुबानी..

साइबर फ्रॉड की यह कॉल आपके दिमाग को कर देगी ‘सुन्न’, दिल्ली के युवक की कहानी उसी की जुबानी..

नई दिल्लीः आपको एक दिन अचानक फोन कॉल आता है। जिसमें बताया जाता है कि आपने जो पार्सल पैकेट भेजा था। उसमें गैर कानूनी सामान मिला है। पुलिस जांच कर रही है। जब आप कहते हैं कि आपने कोई पार्सल भेजा ही नहीं। तब आपको यह कहकर चिंता में डाल दिया जाता है कि ‘शायद आपके आधार कार्ड या पेन कार्ड का मिसयूज हुआ है’। फोन पर इस तरह की बातें सुनकर शायद आप घबराने लगें। आपके इसी डर का फायदा साइबर अपराधी उठाते हैं। दिमाग को ‘साइकोलॉजिकल सुन्न’ करने वाला साइबर क्राइम का देश में तेजी से फैल रहा नया ट्रेंड है। साइबर ठग कुछ ऐसा माहौल बनाते हैं कि आपको किसी तरह के शक की गुंजाइश ही न रहे। फेडेक्स कूरियर के नाम पर साइबर फ्रॉड के केस दिल्ली एनसीआर में भी बढ़ने लगे हैं। इस अपराध की पड़ताल के दौरान हमें एक विक्टिम ने संपर्क साधा। ये हैं 30 साल के अजय। पंजाबी बाग में परिवार के साथ रहते हैं। गुरुग्राम में एक आईटी कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर पद पर हैं। इनके साथ जो हुआ। पूरी कहानी, इन्हीं की जुबानी।

पार्सल रोकने की कॉल

‘तारीख 14 मार्च थी। मैं घर पर ही था। ऑफिस की कॉल अटेंड कर रहा था। मेरे मोबाइल पर 11:22 बजे पर एक कॉल आती है। रिसीव करते हुए एक मेसेज सुनाई दिया- आपका एक पार्सल रोक लिया है.. ज्यादा जानकारी के लिए 1 दबाएं। मैंने 1 दबा दिया। दूसरी तरफ कॉल पर एक शख्स कनेक्ट हुआ। बोला ‘फेडेक्स कस्टमर सर्विस से बोल रहा हूं… आपने जो पार्सल मुंबई से कनाडा भेजा है, उसे नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने जब्त कर लिया है’। मैं सुनकर चौंक गया। क्योंकि न मैंने कोई पार्सल भेजा, न मुंबई से कोई वास्ता। मैं यह सोचकर उससे बात करने लगा कि शायद अमेजॉन या फ्लिपकार्ट का कोई ऑर्डर हो।

मैंने कहा- ऐसा कोई पार्सल भेजा ही नहीं। फिर वह मुझे सेंडर एड्रेस में नाम, मोबाइल नंबर और एड्रेस कोलाबा मुंबई का बताता है। यह भी बताया कि पार्सल पैकेट कनाडा में किसी मंजीत के नाम पर भेजा है। मैंने फिर उसे कहा कि मैं मुंबई में नहीं, दिल्ली में रहता हूं। तब उसका रिएक्शन था- ओह लगता है आपकी भी आईडी मिस यूज हो रही है। आप तुरंत पुलिस कंप्लेंट कर दीजिए ताकि आपके साथ कोई और फ्रॉड न हो। हम आपकी कॉल कोलोबा पुलिस स्टेशन ट्रांसफर कर रहे हैं। वही कॉल कुछ मिनट होल्ड कराई। फिर दूसरी तरफ से बोलने वाले ने खुद को सब इंस्पेक्टर भूपेंद्र बताया। बोला कि, वह कोलाबा पुलिस स्टेशन से बोल रहा है।

डॉक्यूमेंट मिसयूज की बात कह डराया

डॉक्यूमेंट मिसयूज की बात कह डराया

पुलिस का नाम सुनते ही मैंने उसे कहा- सर, मैं दिल्ली में रहता हूं, मुझे पता चला है कि मेरे नाम और डॉक्यूमेंट का कोई मिस यूज हुआ है। मैं कंप्लेंट करना चाहता हूं। वह बोला, आप मुंबई आ जाओ। मैंने कहा सर, मेरा मुंबई आना संभव नहीं। क्या में ईमेल पर कंप्लेंट भेज दूं। वह बोला, हम पुलिस स्टेशन के ऑफिशियल नंबर से वीडियो कॉल करेंगे। आपको जैसे जैसे बताते जाएं। करते जाना। कॉल कटते ही कुछ सेकंड में मेरे पास एक वीडियो कॉल आता है। उस नंबर पर फोटो मुंबई पुलिस का था। वीडियो ऑन करते ही सामने मुंबई पुलिस की वर्दी पहने वह शख्स दिखता है। दीवार पर मुंबई पुलिस का लोगो था। दिखने से वह कोई पुलिस स्टेशन जैसा लग रहा था।

उस पुलिस वाले ने कहा कि ‘हम ऑनलाइन बयान रिकॉर्ड करेंगे। आप जिस जगह पर हो, वहां पूरे एरिया को रोटेट करके व्यू दिखाइए। रूम में कोई होना नहीं चाहिए। क्योंकि इसमें रिकॉर्डिंग होगी। अगर कुछ भी गलत हुआ तो सजा होनी तय है’। मैं डरा हुआ था। तुरंत अंदर से दरवाजा लॉक किया। फिर मोबाइल के कैमरे से पूरा रूम दिखाया। कॉल डिस्कनेक्ट होती है। तुरंत ही दूसरे नंबर से इस बार डायरेक्ट कॉल आती है। ट्रू कॉलर में कोलाबा पुलिस स्टेशन लिखा आता है। कॉल रिसीव करते ही दूसरी तरफ से खुद को एसआई बताने वाला बयान रिकॉर्ड करने लगता है। वह पूरी इंटेरोगेशन करता है। फिर डराता है कि बात रिकॉर्ड हो रही है। झूठ मत बोलना। वह मुझे उम्र, फैमिली बैकग्राउंड, प्रॉपर्टी, जॉब क्या है, कितनी सैलरी है, कितने बैंक अकाउंट हैं, पेरेंट्स क्या करते हैं जैसे अनेकों सवाल करता गया। मैं जवाब देता गया। तभी वह कहता है कि मुंबई में आपकी आईडी का मिसयूज करके जो ड्रग्स पकड़ी गई है, वो बहुत ही हाई प्रोफाइल बड़ा सिंडीकेट है। इसलिए पहले मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर में बात करनी पड़ेगी। कॉल पर ही मुझे वायरलेस सेट जैसी आवाज सुनाई देती है।

ड्रग सिडिंकेट के नाम पर फंसाया

ड्रग सिडिंकेट के नाम पर फंसाया

वह (भूपेंद्र) वायरलेस जैसी साउंड पर बात करते हुए कहता है कि मेरे साथ अजय हैं। उस ड्रग वाले केस में इनकी ही आईडी मिसयूज हुई है। वायरलेस पर दूसरी तरफ से कड़क आवाज सुनाई देती है। वह कहता है- ओह ये है अजय। इसके नाम तो अरेस्ट वॉरंट इशू हो चुके हैं। कोलाबा में हमने जब ड्रग्स के अड्डे पर रेड की। उस जगह पर इसके नाम का डेबिट कार्ड भी मिला है। जिससे 80 लाख की ड्रग खरीदी गई है। वह वायरलेस पर ही भूपेंद्र से डांटते हुए कहता है कि अभी तक तुमने इसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया। इसे तो 3 महीने जेल होगी, बैंक अकाउंट भी फ्रीज होंगे। यह सब आवाजें सुनकर मैं बुरी तरह डर गया। हाथ पांव कांपने लगे।

मैंने कहा, सर आपको कुछ गलतफहमी हुई है। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। इतने में वह किसी एसीपी से वायरलेस बात कराता है। एसीपी भी उसको बोलता है कि जब हेडक्वार्टर कह रहा है कि इसके नाम से वारंट इशू हैं। तो गिरफ्तार करने में इतनी देरी क्यों। अब एसआई भूपेंद्र कहता है कि आप सीधे लगते हो। आपकी आईडी मिस यूज हुई है। आपको एक रास्ता बताता हूं। सरकार ने पब्लिक प्रॉसीक्यूटर अपॉइंट किए हुए हैं जो आप जैसे शरीफ लोगों की मदद करेंगे। मैं आपकी प्रॉसीक्यूटर से बात कराता हूं। उसी कॉल पर एक और कॉल को जोड़ता है। दूसरी तरफ से बोलने वाला खुद को एडवोकेट दीपक बताता है।वह मुझे कहता है, आज शाम छह बजे से पहले मुंबई हाईकोर्ट पहुंचो।

अंतरिम जमानत के नाम पर लिए पैसे

अंतरिम जमानत के नाम पर लिए पैसे

मैंने कहा कि इस समय ढाई बज रहे हैं। इतनी जल्दी आना संभव नहीं है। एडवोकेट बोला कि हम तुम्हारी एंटीसिपेटरी बेल अरेंज करा देते हैं। इसके लिए मुंबई के अलग-अलग डिपार्टमेंट के बॉन्ड खरीदने पड़ेंगे। उसने मुझे वॉट्स पर अशोक चक्र लगी सरकारी विभागों की लिस्ट भेजी। बॉड के लिए 98900 तुरंत भेजने को कहा। बताया कि 97 हजार वापस आ जाएंगे। 1900 रुपये चार्ज कटेगा। मैंने घबराहट वह रकम भी भेज दी। फिर उसकी कॉल आई। कहता है कि आप दिल्ली में रहते हो। इसलिए सेम प्रोसीजर दिल्ली हाईकोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल लगानी होगी।

उतना ही पैसा वहां भी बॉड खरीदने में खर्च होगा। मैंने वह रकम भी तुरंत भेज दी। फिर लीगल ड्राफ्ट टाइपिंग के लिए 5800 मांगे। मैंने वह भी भेज दिए। इसके बाद कॉल डिस्कनेक्ट हो गई। मैं रोता हुआ कमरे से बाहर निकला। मां को बताया कि मैं आज जेल चला जाता। बाल बाल बचा हूं। परिवार में भाई ने पूरा वाकया सुनकर कहा कि यह तुम्हारे साथ ठगी हुई है। लेकिन मैं भाई की बात पर यकीन करने को तैयार नहीं। फिर अहसास होने पर मैंने 1930 पर कॉल की। फिर उसी कोलाबा वाले नंबर पर लगातार कॉल की। लेकिन रिसीव नहीं हुआ। फिर उसने मेरा नंबर ब्लॉक कर दिया। बाद में लोकल पुलिस को केस दर्ज कराया।

ऑप्शन पर न बटन दबाएं, न दें पर्सनल डिटेल: प्रशांत गौतम DCP (IFSO)

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FedEx अंतरराष्ट्रीय कूरियर की बड़ी कंपनी है। FedEx पार्सल के नाम पर साइबर फ्रॉड नया ट्रेंड है। हमारे पास एक ही मॉडस ऑपरेंडी के कई मामले संज्ञान में आए हैं। अगर आपको किसी अनजान नंबर से कूरियर/पार्सल की कॉल आती है तो इग्नोर करें। किसी भी ऑप्शन पर बटन न दबाएं। कोई पर्सनल डिटेल साझा न करें। अपने निकटतम पुलिस स्टेशन को कॉल करें। 1930 या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।

FedEx की एडवाइजरी
FedEx ने अपनी वेबसाइट पर एक एडवाइजरी जारी करके लोगों को कहा है कि वह किसी से भी बैंक अकाउंट की जानकारी या पर्सनल डिटेल नहीं मांगते। यदि आपके पास भी ऐसा कोई मेसेज या कॉल आए तो शिकायत करें। फोन पर किसी तरह के लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें।

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