श्रद्धा मर्डर केस: आफताब नार्को टेस्ट के लिए तैयार, लेकिन पुलिस को पहले कराने होंगे दूसरे मेडिकल टेस्ट
आफताब के कॉल सेंटर के करीब पहुंची पुलिस
आफताब से पूछताछ में दिल्ली पुलिस को गुरुग्राम फेज-3 में सड़क किनारे जंगली इलाके में कुछ सबूत होने का पता लगा। इसे ढूंढने के लिए दिल्ली से तुरंत एसीपी महरौली विनोद नारंग और महरौली थाने के एसएचओ पूरन चंद्र यादव की एक टीम गुरुग्राम जा पहुंची। यहां टीम शुक्रवार सुबह करीब 10:30 बजे जंगलों में पहुंची। करीब डेढ़ घंटे तक सड़क किनारे जंगली इलाके में छानबीन करने के बाद पुलिस को कुछ अहम सबूत हाथ लगे, जिसे काली पॉलीथिन में पैक कर पुलिस दिल्ली ले आई। इस बीच दिल्ली पुलिस ने गुरुग्राम पुलिस से मदद लेने से भी मना कर दिया।
गुरुग्राम में जिस जगह दिल्ली पुलिस ने सर्च की, उस जगह से थोड़ी दूर ही आफताब का वह कॉल सेंटर हैं, जिसमें वह जॉब करता था। पुलिस वहां के स्टाफ से भी जानकारी ले रही है। पुलिस ने यह तो नहीं बताया कि जंगल से क्या मिला, लेकिन सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि पुलिस को जंगलों से श्रद्धा का मोबाइल फोन या फिर उसके शव को काटने के लिए इस्तेमाल किए गए आरी, चाकू या चापड़ जैसे हथियार में से कुछ मिला हो। कटे हुए शरीर का कुछ हिस्सा भी शायद यहां पुलिस को मिला हो।
अपनी फ्रेंड को दिखाए थे सिगरेट से जलाने के दाग
श्रद्धा के दोस्त रजत शुक्ला ने बताया कि वैसे तो श्रद्धा 2019 के बाद से अचानक अपने सभी दोस्तों से अलग-थलग सी हो गई थी। लेकिन 2021 में वह फिर से अपने पुराने दोस्तों के संपर्क में आने लगी। इसी दौरान उसने अपनी एक दोस्त को अपनी कमर दिखाते हुए बताया था कि आफताब ने उसे कई बार सिगरेट से जलाया भी है। श्रद्धा की कमर पर सिगरेट से जले हुए निशान थे, जो उन्होंने अपनी दोस्त को दिखाए थे। इसके अलावा भी आफताब ने श्रद्धा को अन्य कई जगह सिगरेट से जलाया था।
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श्रद्धा ने दोस्तों को बताया था कि आफताब उसे कई तरह से बहुत बेरहमी से प्रताड़ित कर रहा है। लेकिन जब भी दोस्त उनसे कुछ और जानने की कोशिश करते तो वह बहुत अधिक खुलकर नहीं बतातीं। वह दोस्तों से उतनी ही बात करती थी, जितनी उन्हें करनी होती थी। वरना, आफताब से संपर्क में आने से पहले श्रद्धा बेहद खुशमिजाज और खुलकर अपनी दुनिया जीने वाली लड़की थी। वह प्रकृति को करीब से जानने के लिए पहाड़ों और अन्य जगह घूमने जाना पसंद करती थी। श्रद्धा अपने बालों से बड़ा प्यार करती थीं। लेकिन आफताब के संपर्क में आने के कुछ समय बाद से सब चीजें जैसे शांत होने लगीं। वह अपने तमाम दोस्तों से कटने लगी थी। श्रद्धा के साथ घरेलू हिंसा होने का पता लगने पर दोस्तों ने उन्हें आफताब से अलग होने की नसीहत भी दी थी, लेकिन पता नहीं क्यों वह शायद चाहकर भी उससे अलग नहीं हो पा रही थीं।
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आफताब के गांजा पीने की बात भी सामने आई
जांच में यह बात भी सामने आई है कि आरोपी आफताब नशा करने का आदी था। वह गांजा पीता था। श्रद्धा की हत्या करने से पहले भी उसने गांजे से भरी सिगरेट पी थी। हत्या करने के बाद फिर से उसने गांजा पिया और रातभर श्रद्धा के शव के पास रहकर नशा करता रहा। हालांकि, जानकारों का कहना है कि गांजे के नशे में किसी के हत्या करने और शव को काटने की संभावना कम हैं। ऐसी हरकत क्रिमिनल शराब या अन्य ड्रग्स लेकर कर सकता है। लेकिन क्रिमिनल के दिमाग के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। हो सकता है कि उसने गांजा पीकर ही श्रद्धा की हत्या की हो। श्रद्धा की हत्या करने के बाद कम से कम दो बार वह मुंबई गया था। बताया जाता है कि एक बार वह वसई में रहने वाले अपने परिवार को दूसरी जगह शिफ्ट कराने और दूसरी बार वहां पुलिस के बुलाए जाने पर गया था।