महिला दिवस : इंडियाज गॉट टैलेंट प्रोग्राम में आज नहीं दिखेंगी ‘किसान चाची’…फ्लाइट में जाने से किया इंकार… जानिए क्‍या थी वजह

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महिला दिवस : इंडियाज गॉट टैलेंट प्रोग्राम में आज नहीं दिखेंगी ‘किसान चाची’…फ्लाइट में जाने से किया इंकार… जानिए क्‍या थी वजह

पटना : साइकिल पर अपने बनाए कृषि उत्‍पादों को लेकर इलाके में घूमने वाली राजकुमारी देवी जिन्‍हें हम किसान चाची के नाम से जानते हैं। उन्‍हें इंडियाज गॉट टैलेंट प्रोग्राम में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। लेकिन ‘किसान चाची’ इस कार्यक्रम में तबीयत खराब होने की वजह से नहीं जा सकीं हैं। किसान चाची ने बताया कि उन्‍हें ‘इंडियाज गॉट टैलेंट’ में बुलाया गया था। महिला दिवस यानी 8 मार्च को उनका प्रोग्राम दिखाया जाना था लेकिन तबियत खराब होने की वजह से वो इस प्रोग्राम का हिस्‍सा नहीं बन सकीं। किसान चाची ने नवभारतटाइम्‍स.कॉम से बातचीत में बताया इंडियाज गॉट टैलेंट वालों की तरफ से 26 फरवरी को फोन आया और 28 फरवरी को उन्‍हें वहां जाना था। 1 मार्च को प्रोग्राम शूट होना था जिसका प्रसारण 8 मार्च को महिला दिवस पर किया जाना था। लेकिन बीते दिनों उनकी तबियत खराब थी।

इंफेक्‍शन की वजह से नहीं हुईं शामिल
फेफड़े में इंफेक्‍शन था जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्‍कत हो रही थी। बेटे अमरेंद्र ने एनबीटी से बातचीत में बताया कि उनकी मां यानी राजकुमारी देवी इस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए काफी उत्‍साहित थीं, वो इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहती थीं लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य कारणों की मजबूरियों की वजह से शामिल नहीं हो सकीं। वजह ये थी कि आयोजक बिना कोई समय दिए उन्‍हें बुलाना चाहते थे। आनन फानन में ये संभव नहीं हो सकता था। अमरेंद्र बताते हैं कि 26 को फोन आया, 28 को फ्लाइट की करवा कर बुलाया जा रहा था, 1 को कार्यक्रम शूट होना था। ऐसे में मां की तबियत और बिगड़ सकती थी।
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फ्लाइट से जाने से किया इंकार
अमरेंद्र बताते हैं कि इंफेक्‍शन की वजह से राजकुमारी देवी का ऑक्‍सीजन लेवल सामान्‍य तौर पर कम ही रहता है। लेकिन 88 फीसद पर आने पर ऑक्‍सीजन लगाने की जरूरत पड़ जाती है। अमरेंद्र ने बताया कि उनकी मां का ऑक्‍सीजन लेवल 90 से 94 रहता है। बता दें कि 15 जनवरी को किसान चाची की तबीयत खराब हुई थी। उन्हें गैस्टिक की समस्या हुई थी। इसके बाद परिजन उन्हें लेकर सरैया में एक हॉस्पिटल में ले गए। प्रारंभिक इलाज के बाद उन्हें मुजफ्फरपुर रेफर किया गया। यहां भी उनकी हालत में सुधार नहीं हुई तो पटना रेफर कर दिया गया।

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आज किसी पहचान की मोहताज नहीं
कभी समाज ने बहिष्कृत किया, तो कभी आस पास के लोगों ने कद्र नहीं की, मगर इरादों पर अडिग राजकुमारी देवी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। देश के खास किसानों में से एक राजकुमारी देवी ने न सिर्फ अपना जीवन बदला बल्कि उन्होंने कई महिलाओं के जीवन में भी बदलाव लाने में उनकी मदद की। वक्‍त के थपेड़ों से मजबूत हुईं किसान चाची के पास कभी न तो समाज में इज्‍जत थी न खाने को दो वक्‍त की रोटी। दो रोटी का इंतजाम हो सके ऐसी स्थिति भी नहीं थी, लेकिन आज वक्‍त ने करवट बदला है। आज किसान चाची किसान के साथ-साथ एक कुशल व्यापारी भी हैं। उनकी अपनी पहचान है।

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बेटी के जन्‍म पर मिले थे ताने, परिवार ने निकाला
1983 जब उन्‍होंने बेटी को जन्‍म दिया तो उन्हें ताने सुनने पड़े। परिवार ने मुंह मोड़ लिया। तानों और अपमान की पराकाष्‍ठा झेलते झेलते अंत में राजकुमारी देवी को घर छोड़ना पड़ा। उन्होंने पति के साथ खेती में हाथ बटाया। खेती में फसल की उपज अच्‍छी नहीं होती थी। गुणवत्‍ता भी खराब होती थी जिसकी कीमत उन्‍हें बाजार में नहीं मिलती थी। यह देख उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से खेती शुरू करने का फैसला लिया। धीरे धीरे वो अपने व्‍यवसाय को बढ़ाने लगीं। वो अचार और मुरब्बा भी बनाने लगीं। उन्हें बेचने के लिए खुद इसे साइकिल पर लादकर बाजार ले जातींं और वहां बेचतीं, धीरे-धीरे राजकुमारी देवी के उत्‍पाद की पहचान होने लगी। 2003 में कृषि मेले में उनके उत्पादों को पुरस्कृत किया गया। इसके बाद CM नीतीश कुमार ने उनसे मिलने की इच्‍छा जाहिर की और वो खुद उनसे मिलने आए।

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