नदी में न बहाएं शव, पैसा नहीं है तो योगी सरकार करेगी इंतज़ाम, अंतिम संस्कार देने के लिए 5000 रुपये

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नदी में न बहाएं शव, पैसा नहीं है तो योगी सरकार करेगी इंतज़ाम, अंतिम संस्कार देने के लिए 5000 रुपये

योगी सरकार अंतिम संस्कार के लिये ऐसे लोगों को 5000 रुपये देगी जो आर्थिक संकट में हों। ये मदद बेहद गरीब ग्रामीणों को पंचायत के जरिये दिलायी जाएगी। इसके अलावा सरकार नदी में शव बहाने पर रोक लगा दी है। गांवों में इसे रोकने की जिम्मेदारी प्रधानों को दी गई है।

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लखनऊ. कोरोना काल में शवों को गंगा या किसी भी नदी में कत्तई न विसर्जित करें। अंतिम संस्कार करने में असमर्थ आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों की मदद सरकार करेगी। ग्रामीण इलाकों अगर कोई शव के अंतिम संस्कार में आर्थिक संकट के चलते दिक्कत आ रही है तो उसके लिये यूपी की योगी सरकार 5000 रुपये देगी। ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी होगी कि वह गंगा में शवों को प्रवाहित करने से रोके और अगर रुपयों की कमी से किसी का अंतिम संस्कार रुक रहा है तो पंचायत की ओर से उसे 5000 रुपये की धनराशि दिलाएं। इसके लिये क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्यों की मदद भी ली जाएगी।

पंचायती राज विभाग की ओर से ये आदेश ऐसे समय में जारी किया गया है जब यूपी के विभिन्न जिलों में नदी किनारे या पान में तैरते हुए शव पाए जा रहे हैं। इससे जहां एक ओर जहां सड़ांध, संक्रामक रोग आदि बढ़ने की खतरा है तो वहीं कोरोना संक्रमण फैलने का भी खतरा है। आईआईटी कानपुर भी इस बात पर स्टडी कर रहा है कि गंगा में बहाए गए शव अगर कोविड मृतकों के हैं तो इससे नदी के पानी और मिट्टी पर कितना प्रभाव पड़ेगा।

इस संकट को देखते हुए एक तरफ जहां योगी सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए गंगा समेत नदियों में शवों को प्रवाहित करने पर रोक लगाते हुए ऐसा करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है वहीं इसपर नजर रखने के लिये एसडीआरएफ को भी लगाया है। प्रधानों को भी इसकी जिम्मेदारी दी गई है। पर ऐसे में उन ग्रामीणों का भी खयाल रखा गया है जो आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं और उनके पास अपनों के अंतिम संस्कार का भी पैसा नहीं। ऐसे लोगों को सरकार 5000 रुपये अंतिम संस्कार के लिये पंचायत के जरिये देगी। एसीएस पंचायती राज की ओर से इसका आदेश भी जारी किया जा चुका है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर निर्देश दिये हैं कि ग्राम प्रधान तत्काल पीड़ित परिवारों को आर्थिम मदद करें। इसके अलावा नदियों में शव न प्रवाहित किये जाएं इसके लिये जिलाधिकारी और ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है।

इतना ही नहीं सरकार कोविड काल में उन परिवारों के लिये भी मददगार बनकर उभरी है ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को भूखमरी से बचाने के लिये ऐसे परिवारों को एक हजार रुपये दिये जाएंगे और अगर उनके पास राशन कार्ड नहीं होगा तो राशन कार्ड बनाया जाएगा। ऐसे परिवार अगर बीमारी जैसे संकट से जूझता है और उसके पास आयुष्मान भारत योजना या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का कार्ड न होनेे पर उन्हें 2000 रुपये दिये जाएंगे। इसके बाद उनका कार्ड भी बनाया जाएगा।







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