गहलोत सरकार को कौन लगा रहा राजस्व का चूना? राज्यपाल ने CM को चिट्‌ठी लिखी, जोधपुर और करोली की यूनिवर्सिटी के बिल लौटाए

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गहलोत सरकार को कौन लगा रहा राजस्व का चूना? राज्यपाल ने CM को चिट्‌ठी लिखी, जोधपुर और करोली की यूनिवर्सिटी के बिल लौटाए

गहलोत सरकार को कौन लगा रहा राजस्व का चूना? राज्यपाल ने CM को चिट्‌ठी लिखी, जोधपुर और करोली की यूनिवर्सिटी के बिल लौटाए

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में पारित तीन निजी विश्वविद्यालयों के बिल राज्यपाल कलराज मिश्र (rajasthan governor kalraj mishra) ने वापस लौटा दिए हैं। राज्यपाल की ओर से तीनों बिलों में भारी कमियां बताते हुए इन तीन निजी विश्वविद्यालयों (rajasthan private universities) की स्थापना पर राज्य सरकार को पुनर्विचार करने के लिए कहा है। ये निजी विश्वविद्यालय हैं ड्यून्स विश्वविद्यालय जोधपुर(dunes university jodhpur) , व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय जोधपुर (vyas vidyapeeth university jodhpur) और सौरभ विश्वविद्यालय हिडौन सिटी (saurabh university karauli) करौली। राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत निर्धारित नियम प्रक्रिया पूर्ण नहीं करने का हवाला देते हुए तीनों बिलों को वापस लौटाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस संबंध में चिट्‌ठी लिखते हुए यह भी बताया है कि इससे सीधा राजस्व का नुकसान भी सरकार को हो रहा है।

पारित विधेयक में ये गिनाई गई कमियां

राजभवन की ओर से सबसे बड़ी कमी यही बताई गई कि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए निर्धारित भूमि और निर्मित भवन संबंधी मापदंड पूरे नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार को एक बार फिर से विचार करना चाहिए। तीनों विश्वविद्यालयों के बिल जल्दबाजी में लाए गए हैं। इनमें निर्धारित नियमों की पूर्णत पालना नहीं की गई है। राज्यपाल की ओर से सरकार को निर्देशित किया गया कि निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में व्यापक विचार विमर्श कर एक समग्र नीति निर्माण कर कार्रवाई करें। उच्च स्तर पर राजस्व अधिकारियों और न्यायिक जांच करवाने के बाद ही विश्वविद्यालय स्थापित करने के निर्देश दिए।
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राजभवन की ओर से अपने स्तर पर करवाई गई थी जांच

विधानसभा में नए विश्वविद्यालय के विधेयक पास होने के बाद फाइल राजभवन भेजी गई। राजभवन की ओर से अपने स्तर पर तीनों विश्वविद्यालयों के दस्तावेजों की जांच के साथ भौतिक सत्यापन करवाया गया। सत्यापन के दौरान कई तरह की अनियमितताएं पाई गई। इसके बाद राज्यपाल की ओर से विश्वविद्यालय स्थापना की अनुमति देने के बजाय तीनों बिल सरकार को वापस लौटा दिए।
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उच्च शिक्षा का बंटाधार कर रही है सरकार – वासुदेव देवनानी

पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी का कहना है कि राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा का बंटाधार कर दिया है। बिना किसी सत्यापन के नियम विरुद्ध कॉलेजें और विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं। निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना में निर्धारित नियमों की पालना के बजाय राजनैतिक प्रभाव साफ देखा जा रहा। इससे शिक्षा माफियाओं को सीधे तौर पर बढावा दिया जा रहा है। देवनानी ने कहा कि उनकी तरफ से आपत्तियां दर्ज कराई गई थी।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़

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