कॉमन वेल्थ गेम्स में भारत के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी लेकर आयी मीराबाई चानू

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भारत की महिला खिलाड़ी साइखोम मीराबाई चानू ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की स्वर्णिम शुरुआत कर दी है.  चानू ने खेलों के पहले दिन गुरूवार को महिलाओं की 48 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में सोने का तमगा हासिल किया. भारत की महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए 21वें कॉमनवेल्थ खेलों में महिलाओं के भारत्तोलन के 48 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया. यह खेलों में भारत को मिलने वाला पहला स्वर्ण पदक रहा. इससे पहले वेटलिफ्टिंग में ही गुरुराजा ने भारत को रजत दिलाया था. बहरहाल मीराबाई चानू ने स्नैच और क्लीन एंड जर्क दोनों ही वर्गों में अपने प्रतिद्वंद्वियों को मीलो तो पीछे छोड़ा ही, कॉमनवेल्थ खेलों में नया रिकॉर्ड भी बना दिया.

चानू ने स्नैच में 86 का स्कोर किया और क्लीन एंड जर्क में 110 स्कोर करते हुए कुल 196 स्कोर के साथ स्वर्ण अपने नाम किया. स्नैच और क्लीन एंड जर्क दोनों में चानू का यह व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. उन्होंने साथ ही दोनों में राष्ट्रमंडल खेल का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है. चानू ने ग्लास्गो में पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था.

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स्पर्धा का रजत पदक मॉरिशस की मैरी हैनित्रा के नाम रहा. इससे पहले, गुरुवार को ही भारोत्तोलन में ही गुरुराजा ने इन खेलों का पहला पदक दिलाया था. वह पुरुषों की 56 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में रजत जीतने में सफल रहे थे.

मीराबाई को लेकर शुरुआत से ही चर्चा चल रही थी. और उन्होंने अपने प्रदर्शन से साबित किया कि वास्तव में उन्होंने प्रतियोगिता को लेकर कितनी बेहतरीन तैयारी की थी. 48 किग्रा भार वर्ग में मलेशिया की रैनाइवोसोआ मैरी दूसरे, तो श्रीलंका की गोम्स दिनुषा को कांस्य पदक मिला. मलेशियाई खिलाड़ी ने कुल 170 किग्रा, तो वहीं श्रीलंका की गोम्स ने 155 किग्रा भार वजन उठाया.

लेकिन ये दोनों ही खिलाड़ी मीराबाई चानू के सामने बिल्कुल भी नहीं ठहर सकीं. मीराबाई ने खेलों में स्नैच औऐर क्लीन एंड जर्क दोनों ही कैटेगिरी में रिकॉर्ड स्कोर किया. जहां उन्होंने स्नैच वर्ग के तीसरे प्रयास में 86 किग्रा वजन उठाया, तो वहीं क्लीन एंड जर्क के तीसरे प्रयास में मीराबाई ने 110 किग्रा भार वजन उठाया. कुल मिलाकर मीरबाई चानू ने 196 किग्रा वजन उठाकर यह सुनिश्चित कर दिया कि भारत की झोली से पहला स्वर्ण कोई भी नहीं छीनने जा रहा.