क्या यूपी के गोरखपुर में अगस्त माह को घोषित किया जाएगा बच्चा मरण मास?

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पाकिस्तानी शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की पंक्ति- “बोल कि लव आजाद हैं तेरे, बोल ज़ंबा अब तक तेरी है…..।”इस पंक्ति का आशय आजकल ये है कि “कुछ भी बोल कि लव आजाद हैं तेरे, बोल कि अब सरकार है तेरी।” दरअसल गोरखपुर में मासूमों की मौत पर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अगस्त माह में तो हर साल बच्चे मरते ही हैं। योगी आदित्यनाथ ने भी गत शनिवार को इलाहाबाद में ये कहा था कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं बल्कि खुले में शौच करने के कारण होती है…..। स्वास्थ्य मंत्री ने तो बकायदा आंकड़े भी पेश किए। सिंह के आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2014 में 567, अगस्त 2015 में 668 और अगस्त 2016 में 587 बच्चों की मौत हुई थी।

हमारा योगी और सिद्धार्थ दोनों नाथों से यही कहना है कि ठीक है पहले भी मौत हुई हैं, लेकिन पहले ऑक्सीजन की कमी के कारण ऐसा नहीं हुआ है और अगर पहले जैसा ही अब भी सबकुछ चलेगा, तो अखिलेश के शरीर में क्या कांटे लगे हुए थे? और फिर पूरे चुनाव की रैली में बदलाव-बदलाव और परिवर्तन-परिवर्तन क्यों चिल्ला रहे थे आपलोग? या कहीं आपलोग ये तो बदलाव नहीं करने वाले हैं कि बदलाव के तौर पर गोरखपुर में अगस्त माह को बच्चा मरण मास तो घोषित नहीं करने वाले हो? सिद्धार्थनाथ सिंह जी विपक्ष में रहते हुए तो नैतिकता शब्द से बड़ा लगाव होता है आप लोगों को…. कि नैतिकता के आधार पर इस्तीफा वगैरह-वगैरह…… लेकिन सरकार में आते ही आप उसे भूल जाते हैं……जैसे जवान होते ही जानवर का बच्चा रिश्तेदारी भूल जाता है। पर याद रखिएगा जनता का हिसाब बड़ा पक्का होता है साहेब।

देखिए, ये अगस्त मास वाली बात पर नाराज होने की बात नहीं है। मैं तो बस इतना पूछ रहा था कि कहीं वर्तमान सरकार ये तो नहीं करने जा रही है कि गोरखपुर में अगस्त में बच्चा मरण मास घोषित करके आप ऐसे माता-पिता को सम्मानित तो नहीं करने वाले हैं जिनके बच्चे मर गए हैं। ऐसा करके आपको संवेदना व्यक्त करने का अच्छा मौका मिल जाएगा ना? अरे नहीं खाली थोड़ी करेंगे! आप उन्हें सम्मानित, कुछ पैसे भी देंगे आप लोग उन्हें, पैसों की कमी थोड़ी है, आपलोगों के पास। वो तो ऑक्सीजन वालों को देने के लिए नहीं होते हैं, बस, और ये तो छोटी-मोटी गलती है साहब? आप लोगों को पता थोड़ी ना था कि इतने बच्चे मर जाएंगे और बात पूरे देश में इस तरह से फैल जाएगी। खैर चलिए घोषित करेंगे तो पता तो चल ही जाएगा।