अपराधी को मृत्युदंड देने के बाद जज द्वारा कलम (निब) तोड़ने के पीछे क्या कारण है?

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अक्सर यह देखा जाता है की जब किसी अपराधी को जज द्वारा फांसी की कड़ी सजा सुनाई जाती है तो जज अपने पेन की निब तोड़ देता है। समाज में अगर सबसे बड़ी सजा किसी को मानी गयी है तो वो है मौत जी सजा। यह कानून नज़रिये से भी सबसे बड़ी सजा है। यह रेयररेस्ट ऑफ द रेयर मामलों में ही दी जाती हैं, क्योंकि इस सजा की वजह से व्यक्ति का जीवन खत्म हो जाता है और उस व्यक्ति के पास इस दुनिया को देखने का अवसर नहीं रहता। साथ ही ऐसी उम्मीद भी की जाती है कि फिर से कोई भी देश में कोई ऐसा अपराध नहीं करेगा की उसे फांसी जैसी कड़ी सजा मिले। मृत्युदण्ड की सजा ज्यादा संगीन कार्य के लिए दी जाती हैं और तब दी जाती है जब कोई दूसरा विक्लप समक्ष न रहे।

मृत्युदण्ड एक दुख की बात है, लेकिन जब समाज में अपराध बहुत अधिक हो जाता है और वो अपराध माफ़ करने योग्य नहीं होता तो ऐसी सजा देना जरूरी हो जाता है और इस सजा को सुनाने के बाद जज पेन की निब को तोड़कर दुःख व्यक्त करते है।जिस कलम से किसी व्यक्ति की मौत निर्धारित की जाती है उसे तोड़ने के पीछे कई कारण होते है। जैसे उस पेन का दुबारा से इस्तेमाल न किया जा सके और उस कलम द्वारा अन्य किसी व्यक्ति को फाँसी की सज़ा न दी जा सके। साथ ही यह इस बात का संकेत भी देता है कि जज ने खुद को उस निर्णय से अलग कर लिया है।फाँसी की सज़ा देने के बाद, न्यायाधीश के पास उस सज़ा को बदलने का अधिकार नहीं होता है। इसलिए वह कलम तोड़ देते हैं, ताकि वह अपने निर्णय को बदलने के बारे में न सोच सकें।

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