ताजमहल से होने वाली आय का धन किसको मिलता है ?

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ताजमहल से होने वाली आय का धन किसको मिलता है ?
ताजमहल से होने वाली आय का धन किसको मिलता है ?

ताजमहल से होने वाली आय का धन किसको मिलता है ? ( Who gets the money from the income from the Taj Mahal? )

ताजमहल, हमारे देश का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्मारक है. जिसे देखने के लिए विश्व के विभिन्न देशों से पर्यटक आते हैं. अगर आप भी कभी ताजमहल देखने के लिए गए हैं, तो आपने देखा होगा कि जब अंदर इंट्री होती है, तो उससे पहले टिकट लिए जाते हैं. यह टिकट की दर भारतीय नागरिकों या विदेशी नागरिकों के लिए अलग अलग होती है. इस कारण काफी लोगों के मन में कई तरह के सवाल आते है. आमतौर पर लोगों के मन में सवाल होता है कि ताजमहल से होने वाली आय का धन किसको मिलता है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

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ताजमहल

ताजमहल से होने वाली आय का धन –

ताजमहल मुगल काल की उत्कृष्ट कला का एक बेहतरीन नमुना है. इसको 7 अजुबो में शामिल किया जाता है. अगर ताजमहल के टिकट वितरण की जिम्मेदारी या टिकट बिक्री से होने वाली आय की बात करें, तो यह आय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( ASI ) को होती है. ताजमहल की टिकट बिक्री से ही वित्तीय वर्ष 2019-20 में 96.01 करोड़ रुपये की आय हुई. वित्तीय वर्ष 2018-19 में ताजमहल की टिकट बिक्री से 82.30 करोड़ एएसआइ को मिले थे. अगर इतनी आय के पीछे के कारण की बात करें, तो प्रमुख कारण तो यहीं है कि ताजमहल की लोकप्रियता. इसके अलावा दिसंबर , 2018 से मुख्य मकबरे के दीदार के लिए भी 200 रूपये की टिकट लागू कर दी गई. इससे पहले मुख्य मकबरे के दीदार के लिए टिकट नहीं ली जाती थी.

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ताजमहल

एएसआइ ( ASI ) द्वारा संरक्षित देशभर के स्मारकों की बात करें, तो इनमें ताजमहल को देखना या दीदार करना सबसे महंगा है. यह भारतीय नागरिकों तथा विदेशी पर्यटको के लिए अलग अलग है. अगर भारतीय नागरिकों की बात करें, तो उनको 1100 रूपये , सार्क देशों के नागरिकों के लिए टिकट की कीमत 540 रूपये तथा इसके साथ ही अगर भारतीय की बात करें, तो उनके लिए यह टिकट 50 रूपये के हिसाब से मिलती है. इसके साथ ही मुख्य मकबरे का दीदार करने के लिए ली जाने वाली 200 रूपये की टिकट इससे अलग है. काफी लोगों के मन में यह भी सवाल आता है कि आखिर टिकट का इतना महंगा होने के पीछे का क्या कारण है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा विदेशी व सार्क देशों के पर्यटकों से 500 रुपये और भारतीय पर्यटकों से 10 रुपये पथकर लिया जाता है.

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ताजमहल हमारे देश की शान है. ताजमहल का निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने किया था. शाहजहां ने ताजमहल अपनी पत्नि मुमताज की याद में बनवाए था. ताजमहल आगर में स्थित है. विश्व में इसके महत्व को देखते हुए इसे युनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है. ताजमहल प्रत्येक वर्ष 20 से 40 लाख दर्शकों को आकर्षित करता है, जिसमें से 200,000 से अधिक विदेशी होते है.

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