उत्तर प्रदेश में पहली बार ग्राम पंचायत चुनाव कब हुए थे ?

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उत्तर प्रदेश में पहली बार ग्राम पंचायत चुनाव कब हुए थे ? (UP me pehli baar gram panchayat chunav kab huye the)

भारत एक लोकतांत्रिक देश है. जिसमें शासन चलाने वाले प्रतिनिधियों का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है. जिस तरह से देश में शासन व्यवस्था को संभालने के लिए लोकसभा और राज्यसभा होती है, वैसे ही राज्यों में विधानसभा और कुछ राज्यों में विधानपरिषद का प्रावधान किया गया है. लेकिन लोकसभा और विधानसभा के प्रतिनिधि किसी स्थानीय मुद्दे या समस्या को आसानी से नहीं समझ सकते हैं. इसी कारण आम लोगों को प्रतिनिधित्व देने के लिए ही पंचायत चुनाव की व्यवस्था की गई है. इसे सत्ता का विक्रेंद्रीयकरण भी कहा जाता है.

पंयाचत चुनाव में तीन तरह स्तर होते हैं, जिसमें ग्राम पंचायत , जिला समिती तथा जिला परिषद् जो स्थानीय स्वशासन को संभालते हैं. इसके लिए भी प्रत्येक 5 वर्ष के बाद चुनाव होता है. अगर उत्तरप्रदेश में पहली बार ग्राम पंचायत के चुनाव की बात करें, तो इससे पहले हमें उत्तरप्रदेश में पंचायत चुनाव के इतिहास को थोडा जानना होगा. भारत में पंचायती राज ऐक्ट का गठन 1947 ईं. में किया गया था.

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उत्तर प्रदेश चुनाव

इसके साथ बाद ही 1949 ईं. में पंचायतो की स्थापना हुई थी. लेकिन यदि उत्तरप्रदेश की बात करें, तो यहां 1994 में जब 73 वां संविधान संशोधन ऐक्ट लागू हुआ इसके बाद ही 1947 और उत्तरप्रदेश पांयत व जिला पंचायत अधिनियम-1961 में संसोधन कर संवैधानिक व्यवस्था की शुरूआत की गई थी.  इसके बाद ही उत्तरप्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग का गठन किया गया. राज्य निर्वाचन आयोग की देख-रेख में उत्तरप्रदेश में पहले पंचायत चुनाव 1995 में कराए गए.

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यूपी पंचायत चुनाव (up panchayat chunav) में 3 स्तर के चुनाव कराए जाते हैं, जिनमें पहला जिला पंचायत,  दूसरा क्षेत्र पंचायत और तीसरा ग्राम पंचायत. यहीं कारण है कि पंचायत चुनाव को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी कहा जाता है.

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अगर उत्तरप्रदेश में 2021 के चुनाव की बात करें, तो यह चुनाव 2020 में ही संपन्न होने थे. इसका कारण यह था कि जो पहले पंचायत चुनाव हुए थे, उनका कार्यकाल 25 दिसंबर , 2020 को ही समाप्त हो गया था. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से भी पंचायत चुनाव में देरी हुई है. स्थानीय स्वशासन में पंचायत चुनाव का विशेष महत्व होता है.