बिहार में सत्ता विरोधी लहर और विपक्ष की कड़ी चुनौती के बावजूद सत्ताधारी एनडीए गठबंधन ने शानदार जीत दर्ज की है। इसी के साथ सूबे में नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है। करीब 15 साल से बिहार में सत्ता की कमान संभाल रहे नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बैठने के लिए तैयार हैं।
भले ही इस बार चुनाव में जेडीयू का प्रदर्शन पहले जैसा नहीं रहा और उसे 2015 विधानसभा चुनाव में मिली 71 सीटों के मुकाबले इस बार महज 43 सीटें ही आई हैं। हाल में संपन्न बिहार के चुनाव में बाजी मारने वाले जदयू नेता नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य के सीएम पद की बागडोर संभाला हैं। आइए जाने पहली बार नीतिश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने।
मंडल की राजनीति से नेता बनकर उभरे नीतीश कुमार को बिहार को अच्छा शासन मुहैया कराने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि, उनके विरोधी उन पर अवसरवादी होने का आरोप लगाते रहे हैं। भले ही इसे राजनीतिक अवसरवादिता कहा जाए या उनकी बुद्धिमत्ता, राजनीतिक शतरंज की बिसात पर नीतीश की चालों ने कई साल से सत्ता पर उनका दबदबा बनाए रखा है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले नीतीश कुमार सबसे पहले 3 मार्च, 2000 में मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि, बहुमत नहीं होने के कारण महज सात दिन बाद ही उनकी सरकार गिर गई थी।
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