राजनीति में राष्ट्रपति शासन शब्द का प्रयोग आमतौर पर होता रहता है. विपक्ष द्वारा राज्यों में मांग की जाती है कि राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए. लेकिन राष्ट्रपति शासन का अर्थ होता क्या है तथा क्यों लागू किया जाता है ? इसके साथ ही ये भी जाना आवश्यक है कि केंद्र सरकार को इससे कुछ फायदा होता है, अगर होता है तो क्या ? इस पोस्ट में इन्ही सभी सवालों के जवाब जानेगें.
राष्ट्रपति शासन का साधारण शब्दों में अर्थ होता है कि राज्य में चुनी हुई सरकार के हाथों में सत्ता ना होना. इसके कई कारण हो सकते हैं. जैसे कि चुनाव में कोई पार्टी बहुमत साबित ना कर पाए तब कुछ समय राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है या अगर चुनी हुई सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को सही से नहीं संभाल पाती है, तो ऐसी स्थिति में चुनी हुई सरकार को बर्खास्त कर दिया जाता है तथा ऐसी स्थिति में भी राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है. राष्ट्रपति शासन के विरोधियों का मानना है कि यह संघीय राज्य व्यवस्था के खिलाफ है.
इसे राष्ट्रपति शासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि चुनी हुई सरकार की बजाय सारे अधिकार राष्ट्रपति के नियंत्रण में आ जाते हैं. लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से राज्य के राज्यपाल को केंद्रीय सरकार द्वारा कार्यकारी अधिकार प्रदान किये जाते हैं.
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अगर केंद्र सरकार के लिए इससे फायदे की बात करें तो सीधे तौर पर इससे कोई फायदा नहीं होता है. लेकिन वैचारिक तौर पर अगर केंद्र में किसी पार्टी की सरकार है तथा किसी राज्य विशेष में किसी दूसरी पार्टी की सरकार है, तो उनमें मतभेद होना आम बात है. लेकिन जब राष्ट्रपति शासन लागू होता है, तो उस राज्य में आमतौर पर केंद्र सत्ता पक्ष की नीतियों का अनुसरण किया जाता है.