महाभारत का सबसे अभाग्य पात्र कौन है ?

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महाभारत का सबसे अभाग्य पात्र कौन है

महाभारत की कथा आज भी बड़े चाउ से घरो में सुनी जाती है , महाभारत का हर एक पात्र अपने में काफी अनूठा है. हर एक पात्र अपने विशेष कारण के वजह से जाना जाता है। महाभारत के एक ऐसा ही पात्र है भानुमति का. जिससे शायद काफी लोग अवगत नहीं होंगे। क्या आप जानते है भानुमति को अभाग्य पात्र में से क्यों माना गया है?

दुर्योधन की पत्नी भानुमति काम्बोज के राजा चन्द्रवर्मा की पुत्री थी। भानुमति बहुत ही सुंदर, आकर्षक, बुद्धिमान और ताकतवर थी। उसकी सुंदरता और शक्ति के किस्से प्रसिद्ध थे। यही कारण था कि भानुमती के स्वयंवर में शिशुपाल, जरासंध, रुक्मी, वक्र, कर्ण आदि राजाओं के साथ दुर्योधन भी गया था।

भानुमति महाभारत

कहते हैं कि जब भानुमती हाथ में माला लेकर अपनी दासियों और अंगरक्षकों के साथ दरबार में आई और एक-एक करके सभी राजाओं के पास से गुजरी, तो वह दुर्योधन के सामने से भी गुजरी। दुर्योधन चाहता था कि भानुमती माला उसे पहना दे लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

दुर्योधन के सामने से भानुमती आगे बढ़ गई, दुर्योधन ने क्रोधित होकर तुरंत ही भानुमती के हाथ से माला झपटकर खुद ही अपने गले में डाल ली। इस दृष्य को देखकर सभी राजाओं ने तलवारें निकाल लीं।

दुर्योधन

ऐेसी स्थिति में दुर्योधन ने भानुमती का हाथ पकड़ा और वह उसे महल के बाहर ले जाते हुए सभी योद्धाओं से बोला “कर्ण को परास्त करके मेरे पास आना”, अर्थात उसने सब योद्धाओं को कर्ण के साथ युद्ध की चुनौती दी जिसमें कर्ण ने सभी को परास्त कर दिया. इस तरह दुर्योधन ने भानुमती के साथ जबरन विवाह किया।

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दुर्योधन भानुमति को सम्मान और प्यार से रखा लेकिन उसने पांडवों के साथ बुरा वेहवार किया और द्रौपदी को सभा के सामने असम्मानित किया। युद्ध के अंत में दुर्योधन मृत्यु हो गई और उनके पुत्र लक्ष्मण भी युद्ध के भीतर मारा गया और उसकी बेटी लक्ष्मणा को कृष्ण पुत्र साम्ब भगा ले गया था। युद्ध के उपरांत भानुमति टूट गई और बिखर गई। वह अपने पति की चिता में कूद गई थी.

ईश्वर ने भानुमति को सुन्दर रूप से नवाजा, उसे अत्यंत बुद्धि प्रदान की, लेकिन उसके बाद भी उसका जीवन दुःख और अशांति से भरा था इसलिए उन्हें महाभारत का सबसे अभागा पात्र माना गया है।