अब मिलेंगे पास होने के दो मौके।

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मानव संसाधन मंत्री ने पांचवी और आंठवी कक्षा में छात्रों को फेल होने पर एक और मौका देने की घोषणा की है । पांचवी और आंठवी कक्षा में फेल होने वाले छात्रों को एक और मौका परीक्षा पास करने के लिए दिया जाएगा। अगर छात्र दूसरे प्रयास में भी पास नहीं होते है तो उन्हें अगली कक्षा में जाने से रोक दिया जाएगा ।

सरकार एक विधेयक लाने जा रही है इसके जरिये छात्रों को फेल नहीं करने की नीति में बदलाव करके राज्यों को फैसला लेने का अधिकार दिया जाएगा । मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि 24 राज्यों ने इस तरह की मांग की थी। केंद्र सरकार इसके लिए विधेयक लाने जा रही है।

उसी सत्र में मिलेगा मौका
देख जाए तो मौका पहले भी था, जो भी छात्र फेल होता था वह अगले वर्ष उसी क्लास के लिए परीक्षा दे सकता है मगर इस विधेयक में ऐसा कौनसा अलग मौका है? तो आप को बताते इस विधेयक में बने नियम के अनुसार छात्रों को उसी सत्र में एक और मौका मिलेगा जिससे उनका एक वर्ष जाया होने से बच सकेगा । विधेयक के अनुसार अगर मार्च में परीक्षा होती है तो जो बच्चे फेल होंगे उन्हें मई में दोबारा एक और मौका दिया जाएगा।

मौका गंवाया तो नहीं जा सकेंगे अगली क्लास में
एक बार फेल होने पर अगर कोई छात्र दूसरे मौके में भी सफल नहीं हो पाता है तो उस छात्र को अगली कक्षा में नहीं जाने दिया जाएगा। मानव संसाधन मंत्री ने उस छात्र को उसी कक्षा में रोकने का अधिकार दिया है। जिससे उस छात्र को एक साल के बाद ही अगला मौका मिलेगा और उसे उसी वर्ष में उसी क्लास में दाखिला लेना होगा। साथ ही मंत्री ने कहा कि अगर कोई राज्य सतत व समग्र मूल्याँकन सीसीआई कि पुरानी नीति ही लागू करना चाहता है तो वह स्वतंत्र है।

बोर्ड नहीं स्कूल के स्तर पर होगी परीक्षा
मानव संसाधन मंत्री ने आंशका को दूर करते हुए कहा कि यह बोर्ड परीक्षा नहीं बल्कि स्कूलों की परीक्षा होगी।यह राज्यों पर निर्भर करेगा अगर वे चाहें तो मौजूदा व्यवस्था को ही लागू कर सकते है। लेकिन 24 राज्यों है जो चाहते है कि परीक्षा और फेल करने की नीति लागू की जाए। इसलिए हम राज्यों पर छोड़ रहे है।

तय हुआ न्यूनतम मानक
मानवसंसाधन मंत्री ने कहा कि हम लर्निंग आउटकम पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए न्यूनतम मानक तय किया है। छात्रों के अभिभावकों को भी बताया जाए कि अगर उनका बच्चा छठी कक्षा में है तो उसे क्या और कितना आना चाहिए।