कुंभ मे नहीं होगी शादी ब्याह

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अखाड़ा परिषद ने प्रशासन के फरमान का किया विरोध: नरेन्द्र गिरी

साधु संतों की जानी मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने जिला प्रशासन के उस फरमान का विरोध किया है जिसमें उसने मुख्य स्नान पर्व की तिथियों से आगे-पीछे कोई गेस्ट हाउस, मैरेज हाउस बुकिंग नहीं करने का सचालकों को निर्देश जारी किया है।

महंत ने कहा कि प्रशासन ने बिना सोचे समझे इस तरह का फरमान जारी किया है। उसे इस फरमान को तत्काल वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कुम्भ मेले के दौरान लोगों के शादियां पड़ती थी, प्रशासन अपना काम करता था और शादी-ब्याह अपनी जगह थे, किसी प्रकार के फरमान जारी नहीं हुए थे। यह पहली बार किया गया है जिसका वह विरोध करते हैं।

उन्होंने कहा कि जिस परिवार में शादी है और उसने दो महीने पहले मैरेज हाल, गेस्ट हाउस आदि की बुकिंग कराया है, अब फरमान के अनुसार संचालक तिथि की बुकिंग रद्द करता है तो परिजनों के सामने बड़ी परेशानी पैदा हो रही है। गेस्ट हाउस संचालक बुकिंग रद्द कर ग्राहकों का पैसा वापस करने लगे है।

बैंक रोड़ के नजदीक हारमनी होटल के प्रबंधक धर्मेन्द्र शुक्ल ने बताया कि जिलाधिकारी का आदेश है कि कुम्भ के दौरान सभी छह स्नान के एक दिन पहले और एक दिन बाद शादी के लिए कोई बुकिंग नहीं की जायेगी। उन्होंने बताया कि इस फरमान से होटल, गेस्ट हाउस और मैरेज घरों को नुकसान होगा। कुम्भ मेले को लेकर इस तरह का यह अपने आप में जिला प्रशासन की तरफ से नया फरमान जारी हुआ है, जबकि इससे पहले भी कुम्भ के समय शादियां होती थीं और मेला भी निर्वाध गति से होता था, उस समय किसी को कोई समस्या नहीं थी।

दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुम्भ मेले के दौरान गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर 15 जनवरी मकर संक्रांति, 21 जनवरी पौष पूर्णिमा, चार फरवरी मौनी अमावस्या, 10 फरवरी बसंत पंचमी, 19 फरवरी माघी पूर्णिमा और चार मार्च महाशिवरात्री कुम्भ का अंतिम स्नान होगा।

नगर के पॉश क्षेत्र सिविल लाइंस स्थित एक निजी संस्था में काम करने वाले रमेश चन्द्र का कहना है कि प्रयाग की सरजमीं पर सात फेरे लेने के लिए आतुर युवक-युवतियों के लिए प्रशासन का तुगलकी फरमान उनके सुनहरे सपनों को कुचलने का एक कुचक्र है। उन्होंने आक्रोशित होते हुए कहा की शादी के लिए कोई बुकिंग नहीं होने पर क्या सड़क पर शादी होगी। शादी ब्याह दो परिवार के मिलन का अवसर होता है। इसमें जीवन भर के रिश्ते बनते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रशासन के इस फरमान से जहां दो परिवारों के मिलन में बाधा पैदा हो रही है वहीं परिणय सूत्र में बंधने को आतुर युवक-युवतियां अगले तिथियों की प्रतीक्षा करें। प्रशासन का यह कदम अनुचित है।
अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार कन्नौजिया पहले ही इस बात को लेकर कह चुके हैं कि यह कदम बारातियों और मेला में आने वाले श्रद्धालुओं दोनो की सुविधा के लिए उठाया गया है। मेला क्षेत्र के आस-पास के गेस्ट हाउस के संचालकों को यह परामर्श दिया गया है कि प्रमुख स्नान पर्व के एक दिन पहले और एक दिन बाद कोई शादी की बुकिंग नहीं हैं।

श्री कन्नौजिया ने कहा कि पहले तो मेले में आये श्रद्धालुओं की भीड़ और शादी में बैंड-बाजे और बारातियों की भीड़ के साथ सुरक्षा में लगे जवानों के लिए भी परेशानी का शबब बनेगा। पुलिस प्रशासन के लिए इस घडी को संभालना काफी चुनौतियों वाला होगा।