बॉलीवुड का बायकॉट करने वालों की पब्‍ल‍िक ने उड़ाई धज्‍ज‍ियां, 75 रुपये के फेर में धुआं हुआ सारा खेल

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बॉलीवुड का बायकॉट करने वालों की पब्‍ल‍िक ने उड़ाई धज्‍ज‍ियां, 75 रुपये के फेर में धुआं हुआ सारा खेल

बॉलीवुड का बायकॉट करने वालों की पब्‍ल‍िक ने उड़ाई धज्‍ज‍ियां, 75 रुपये के फेर में धुआं हुआ सारा खेल

नेशनल सिनेमा डे के मौके पर शुक्रवार, 23 सितंबर को कुछ ऐसा हुआ, जिससे कुछ कथ‍ित सिने प्रेमियों का मूड ऑफ हो गया होगा! ये वो लोग हैं, जो बीते करीब 9 महीने से खूब शोर मचा रहे थे। लेकिन अफसोस कि उनके हाथ लगा अस्‍त्र खोखला साबित हुआ। बायकॉट बॉलीवुड के शोर के बीच अयान मुखर्जी के हाथ ऐसा ‘ब्रह्मास्त्र’ लगा है, जिसने बॉक्स ऑफिस के सारे वहम तोड़ दिए। किसी ने यह कल्‍पना नहीं की थी कि फिल्म की रिलीज के 15 दिन बाद कुछ ऐसा अजीब होगा, जो रेकॉर्ड बना सकता है। बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म को एक ऐसा ‘ब्रह्मास्त्र’ हाथ लगा है, जिसने बायकॉट वालों पर चढ़े तेवर का नकाब नोंच डाला है। अब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। हैरानी वाली बात ये है कि बायकॉट करने वालों के वो तीखे तेवर इतने सस्ते निकले कि टिकट खिड़की पर केवल 75 रुपये में वो भी लाइन में खड़े दिखे। कोरोना महमारी के बाद सिनेमाघरों से रुठे दर्शकों को मनाने के लिए मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन की तरकीब काम आ गई। नेशनल सिनेमा डे ने बायकॉट आंदोलन को ऐसी पटखनी दी है कि सिर्फ रिकॉर्ड ही नहीं टूटे, बल्‍क‍ि इतिहास भी बन गया।

ऐसा जन सैलाब उमड़ा, जिसने बायकॉट की ट्रोल आर्मी की धज्‍ज‍ियां उड़ा दी
इसमें कोई शक नहीं है कि आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ का बुरा हाल देख ‘ब्रह्मास्त्र’ के मेकर्स का गला पहले से ही सूखा हुआ था। फिल्म रिलीज होने को कुछ ही दिन बचे थे कि रणबीर कपूर का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ। उस वीडियो में रणबीर कपूर बीफ (यानी गाय के मांस) को लेकर अपना प्यार जताते नजर आ रहे थे। आलिया का भी बयान वायरल हुआ। सोशल मीडिया पर कथ‍ित कुंठ‍ित भीड़ का का गुस्सा सातवें आसमान पर था। ‘ब्रह्मास्‍त्र’ के बायकॉट के लिए जैसे जन सैलाब उमड़ पड़ा। लेकिन पहले ही दिन इस फिल्‍म ने 36.42 करोड़ का बिजनस कर सबकी बोलती बंद कर दी। हालांकि, शोर शांत नहीं हुआ। ‘ब्रह्मास्‍त्र’ 14 दिनों में 227.95 करोड़ रुपये की कमाई कर साल 2022 की सबसे बड़ी बॉलीवुड फिल्‍म बन गई है। लेकिन इसके साथ ही 15वें दिन नेशनल सिनेमा डे पर 75 रुपये की टिकट के लिए सिनेमाघरों में ऐसा जन सैलाब उमड़ा, जिसने बायकॉट की ट्रोल आर्मी की धज्‍ज‍ियां उड़ा दी।

6 लाख टिकटों की एडवांस बुकिंग, सारे शोज हाउसफुल
नेशनल सिनेमा डे को लेकर ‘ब्रह्मास्‍त्र’ ने एडवांस बुकिंग में रिकॉर्ड बनाया है। करीब 6 लाख टिकट शुक्रवार से पहले एडवांस में ही बिक गए। गौर करने वाली बात यह है कि ये सब तब हुआ जब पिछले दिनों धर्म के कुछ ठेकेदारों ने रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को उज्जैन के महाकाल मंदिर में प्रवेश तक करने नहीं दिया। लेकिन सोचने वाली बात है कि जैसे ही टिकट के दाम सस्‍ते हुए, बायकॉट की हवा निकल गई। सिनेमाघरों में ‘ब्रह्मास्‍त्र’ के सारे शोज करीब-करीब हाउसफुल रहे। इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि समस्‍या बॉलीवुड में नहीं, सिनेमा की क्‍वालिटी, उसके कॉन्‍टेंट और सबसे अध‍िक टिकट की कीमत का है। बढ़ती महंगाई के दौर में दर्शक सिनेमाघर से इसलिए भी रूठे हैं कि टिकट की कीमतें ज्‍यादा हैं। ये कीमतें ज्‍यादा हैं, क्‍योंकि फिल्‍मों का बजट बहुत अध‍िक है। अकेले ‘ब्रह्मास्‍त्र’ का बजट भी 410 करोड़ है। ऐसे में एक सीख लेते हुए सबसे पहले मेकर्स को फिल्‍मों का बजट कम करना चाहिए। ताकि कम कीमत पर सिनेमा दर्शकों तक पहुंच सके।

सिनेमाघरों में शुक्रवार को दिखे 4 गुना अध‍िक दर्शक
पौराण‍िक कथाओं से प्रेरित होकर अयान मखुर्जी ने अस्त्र-शस्त्र पर ‘ब्रह्मास्त्र’ बनाई है। ऐसे में नेशनल सिनेमा डे पर ’75 रुपये की टिकट’ का एक अचूक अस्त्र बॉलीवुड के हाथ लगा है। दिलचस्‍प है कि पहले और दूसरे हफ्ते में वीकडेज में ‘ब्रह्मास्‍त्र’ देखने के लिए सिनेमाघर पहुंच रहे दर्शकों की ऑक्‍यूपेंसी 30 परसेंट के करीब थी। यानी 100 में से 30 सीटें भरी हुई थीं। जबकि नेशनल सिनेमा डे पर ऑक्‍यूपेंसी 95-100 फीसदी है। शुक्रवार को सुबह से लेकर रात के शो तक का यही हाल है। समझा जा रहा है कि गुरुवार को 3.17 करोड़ रुपये कमाने वाली ‘ब्रह्मास्‍त्र’ अब शुक्रवार को कम से कम 12 करोड़ रुपये कमाएगी। यानी कमाई में चार गुना छलांग।

बायकॉट ट्रोल से ज्‍यादा यह महंगाई का सवाल है
इससे एक बात तो साफ है कि बायकॉट की आंधी उड़ाने वाली आर्मी बिना रीढ़ की है। यानी वो झुकने को तैयार है, बस मेकर्स के पास वो ‘ब्रह्मास्त्र’ होना जरूरी है जिससे उन्हें वश में किया जा सके। इससे पहले जो भी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बायकॉट मूवमेंट का शिकार हुईं, इससे बचने के लिए एक्सपर्ट्स ने अपनी राय भी रखी कि सिनेमाघरों से दर्शकों के गायब होने की वजह सिनेमा टिकटों के महंगे दाम भी हैं। फिलहाल तो यह तथ्य सही फिट होती नजर आ रही है। क्योंकि, जिस ‘ब्रह्मास्‍त्र’ की कहानी और कमजोर कंटेंट की लोगों ने आलोचना की है, उसी को देखने के लिए आखिर ये सैलाब कहां से उमड़ पड़ा है?

एसोसिएशन को इसलिए पड़ी नेशनल सिनेमा डे की जरूरत
नेशनल सिनेमा डे, अपने आप में इस तरह का पहला प्रयास है। पहले इसे 16 सितंबर को ही सेलिब्रेट किया जाना था। ‘ब्रह्मास्‍त्र’ की बॉक्‍स ऑफिस पर तीन दिनों में 100 करोड़ की कमाई को देखते हुए मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने तारीख एक हफ्ते बढ़ा दी। नेशनल सिनेमा डे के तहत मल्‍टीप्‍लेक्‍स एसोसिएशन ऑफ इंडिया से जुड़े देशभर के सिनेमा चेन्‍स, यानी PVR, सिनेपोलिस, आईनॉक्स, कार्निवाल, MIRA, सिटी प्राइड, एशिएन मुक्त ए2, मूवी टाइम, वेव और डिलाइट ने अपने 4000 से अध‍िक स्‍क्रीन्‍स पर शुक्रवार को 75 रुपये से 150 रुपये में फिल्में दिखाई हैं। एसोसिएशन ने यह कदम इसलिए भी उठाया कि लोग घरों से निकले और सिनेमाघर पहुंचे। जबकि ‘ब्रह्मास्त्र’ के दमदार क्रेज ने इस पहल में चार-चांद लगा दिए। यकीनन यह फैसला सही साबित हुआ है।

फिल्‍म मेकर्स, मल्‍टीप्‍लेक्‍स वाले जनता की जेब का रखें खयाल
फिल्म मेकर्स और मल्टीप्लेक्स चेन के लिए ये मौका एक सीख की तरह है, जिससे भुनाने का वक्त आ गया है। सिनेमाघरों से ओटीटी की तरफ भागती ऑडियंस को खींचने के लिए फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ ने उन्हें एक अखंड ब्रह्मास्त्र थमा दिया है। लॉकडाउन के बाद टूटे और बिखरे दर्शक सिनेमाघरों में आएंगे जरूर, लेकिन तभी जब उनके पॉकेट के वजन पर ज्यादा चोट न पड़े। वर्ना पहले से ओटीटी सब्‍स‍क्रिप्‍शन के पैसे भर रही जनता के पास घर बैठे ही मनोरंजन का खजाना मौजूद है। महंगाई वैसे भी चरम पर है। ऐसे में जाहिर है कि देश का मिडिल क्‍लास सिनेमाहॉल जाने से पहले महीने का हिसाब टटोलने लगता है। इसलिए बेहतर होगा कि रिकॉर्ड और इतिहास बनाने के साथ ही मल्‍टीप्‍लेक्‍स मालिक इस बात पर भी गौर करें कि ऐसा क्‍यों हुआ और कैसे हुआ। तब कहीं फिल्‍म इंडस्‍ट्री की लाज बची रहेगी।