एक खुशहाल समाज के लिए सुरक्षा बहुत जरूरी होती है। भारतीय संविधान में यह कार्य पुलिस महकमें को दिया गया है उसके बाद जो भी निर्णय लिए जाएंगे उसे न्यायालय द्वारा समाधान निकाला जायेगा।
आज भी लगभग हर आदमी कोई न कोई छोटा मोटा अपराध जाने अनजाने में करते हैं। चाहे वह भ्रष्टाचार से सम्बंधित हो या हिंसा से सम्बंधित हर जगह व्यक्ति जरूर उलझता है। पुलिस चाहे तो अपराध कर रहें व्यक्ति को वहीं गिरफ्तार कर सकती है। एक आम नागरिक होने के नाते हमें गिरफ़्तारी से सम्बंधित पुलिस के अधिकार और व्यक्तिगत अधिकार मालूम होने चाहिए। आइये जानते हैं इन अधिकारों के बारे में-
पुलिस कब कर सकती है गिरफ्तार
- किसी व्यक्ति के संज्ञेय अपराध करने, कोई विश्वसनीय शिकायत मिलने या फिर पुख्ता जानकारी पर पुलिस संदिग्ध को गिरफ्तार कर सकती है।
- किसी व्यक्ति के अपराधी होने, उसके पास से चोरी की प्रापर्टी बरामद होने, किसी अपराध में लिप्त पाए जाने पर गिरफ्तारी हो सकती है।
- किसी पुलिस अधिकारी को अपने कर्तव्य से रोकने, किसी चेकिंग से बचने पर भी पुलिस शक के तौर पर गिरफ्तारी कर सकती है।
गिरफ्तार व्यक्ति का अधिकार
- गिरफ्तार व्यक्ति के पास यह अधिकार होता है वह पूछताछ के दौरान अपने पसंद के वकील से मिल सकता है।
- गिरफ्तार व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी के आधार और जमानत के बारे में सूचित किया जाता है। -गिरफ्तार कर रहे पुलिस अधिकारी यूनिफार्म में होने चाहिए। CBI और RAW के केस में यह लागू नहीं होता है। लेकिन गिरफ्तार कर रहे व्यक्ति को पुलिस द्वारा यह बताना होता है कि उसे किस जुर्म में गिरफ्तार किया जा रहा है।
- धारा 57 cr PC के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश करना होता है।
- पुलिस गिरफ्तारी के मौके पर एक अरेस्ट मेमो तैयार करती है जिसमे आरोपी के साथ साथ पुलिस अधिकारी का इसके अलावा एक और व्यक्ति का हस्ताक्षर होना जरूरी है। गिरफ्तार हो रहें व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह पुलिस द्वारा मौके पर ही अरेस्ट मेमो बनवाये।
- पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर रहे व्यक्ति को अरेस्ट वारंट दिखाना होता है। धारा 50 cr PC के तहत अगर पुलिस किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करती है तो पुलिस द्वारा उसे सूचित करना होता है कि उसे किस अपराध में गिरफ्तार किया गया है।
- पुलिस को गिरफ्तार किए व्यक्ति के परिजनों को 12 घंटे के अंदर सूचित करना होता है तथा उन्हें यह बताना होता है कि वह व्यक्ति किस थाने में हैं।
- महिला आरोपी को केवल महिला कांस्टेबल ही गिरफ्तार करेगी। खास बात यह है महिला को सूर्य अस्त होने के बाद और सूर्य के निकलने के पहले नहीं गिरफ्तार किया जा सकता है। अगर पुलिस को शक है कि महिला भाग सकती है या आगे कोई गंभीर अपराध कर सकती है तो पुलिस कोर्ट से इजाजत लेगी जिसके बाद महिला को आधी रात के बाद भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
- अगर पुलिस किसी व्यक्ति को 24 घंटे से ज्यादा कस्टडी में रखती है तो उसके परिजनों को यह अधिकार है वह एसपी ऑफिस में जाकर शिकायत करें कि पुलिस ने अभी तक व्यक्ति को नजदीकी कोर्ट में नहीं पेश किया है।
- नाबालिग को गिरफ्तार करते समय पुलिस को आदेश है कि वह उसके साथ बिना वर्दी के पेश आये और उसके साथ ऐसा व्यवहार करे जिससे कि बच्चे को डर न लगे।