स्वामी नित्यानंद बाबा ने बना लिया खुद का अलग साम्राज्य

2199
NityaNand
स्वामी नित्यानंद बाबा ने बना लिया खुद का अलग साम्राज्य

अब तक में कई ऐसे ढ़ोगी बाबाओं के बारें में लोगों ने सुना ही होगा. मगर एक ऐसे बाब जिसने अपना एक अलग साम्राज्य बना डाला है. यह कोई मजाक नहीं है बल्कि सही बात है कि यौन शोषण के इल्जाम से घिरे इस बाबा ने भारत से भाग कर करीब 16 हजार किलोमीटर दूर एक नया देश बसाने का एलान किया है. इस नए देश के लिए पासपोर्ट से लेकर देश के संविधान और कानून की भी रूपरेखा तय की गई है.

बता दें कि पुलिस उसे हिंदुस्तान में ढूंढ रही है. और ये बाबा अपना एक अलग मुल्क बनाए बैठा है. जहां का यही स्वामी है. राष्ट्रपिता यही भगवान है. जिसका नाम ए. राजशेखरन उर्फ स्वामी नित्यानंद जी महाराज है. भारत की पुलिस और उसकी गिरफ्तारी के खौफ से एक अलग दुनिया बनाई है. जिस दुनिया का नाम कैलासा है.

इस बात को जानकर आप हैरान हो जाएगें कि यह कोई आश्रम या अड्ड़ा नहीं है, बल्कि अपने आप में एक पूरा राष्ट्र है, जिसका अपना पासपोर्ट, संविधान, प्रधानमंत्री, कैबेनेट, अपनी सेना है. भारत का फरार अपराधी और इस राष्ट्र के स्वामी का दावा है कि दुनिया का कोई भी हिंदू यहां की नागरिकता को नहीं पा सकता है. यह बाबा यहां सनातन धर्म का रक्षक होने का दावा कर रहा है.

tyrhdfghj -

अपनी साध्वी के साथ सेक्स टेप से दुनियाभर में मशहूर हुए स्वामी नित्यानंद ने लैटिन अमेरिकी देश इक्वॉडोर के नज़दीक एक टापू को खरीद कर उसे नया देश घोषित कर दिया है. जिसका नाम कैलासा रखा गया है. वह अपने को वहां का भगवान समझता है इस टापू की जगह यहां तक की उसका नक्शा कैसा है इसके बारें में वही बहुत अच्छे से जानता है.

बताते चले कि कैलासा राष्ट्र की बात रेप का आरोपी नित्यानंद ही जानता है, वो कहां है यह कोई भी नहीं जानता है. दुनिया के इस इकलौता हिंदू राष्ट्र कैलासा की लोकेशन भले साफ ना हो. मगर इसके अलावा तमाम चीज़ों का खुलासा नित्यानंद ने अपनी वेबसाइट पर कर दिया है.

यह भी पढ़ें : BF के भाई ने कॉलेज में पीटा, लड़की ने फिर उठाया ऐसा कदम कि…

फिलहाल जो जानकारी मिली है. उसके मुताबिक नित्यानंद का दावा है कि उसने सिर्फ सनातन धर्म की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि दुनियाभर में प्रताड़ित हो रहे हिंदुओं को शरण देने के लिए कैलासा राष्ट्र बनाया है. हिंदुस्तान से नित्यानंद के हिंदू राष्ट्र की दूरी करीब 16,000 किलोमीटर या उससे भी ज़्यादा हो सकती है. यानि की ऐसा जीवन, जो मंदिर और इसकी गतिविधियों के इर्द-गिर्द घूमता हो.