आधी रात को खुले सुप्रीम कोर्ट के दरवाज़े – जानिये आखिर क्या है वजह ?

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इतिहास सिर्फ एक बार बनता है ,लेकिन दौहराया कई बार जा सकता है l जी हाँ ,सही सुना आपने बीती रात एक इतिहास फिरसे दौहराया गया l दरअसल ,बुधवार की रात या कह लीजिए गुरूवार की सुबह करीब 1 बजे कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया l

दौहराया गया इतिहास आधीरात को खुले अदालत के दरवाज़े
दरअसल ऐसा दूसरी बार हुआ है जब आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है l इससे पहले 29 जुलाई 2015 को पहली बार आतंकवादी याकूब मेमन के फांसी ख़ारिज करने की याचिका पर सुनवाई हेतु आधी रात को कोर्ट का दरवाज़ा खुला थाl

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 निश्चित समय पर ही लिया जाएगा  शपथ -सुप्रीम कोर्ट
आपको बता दें जब पूरा भारत वर्ष सो रहा था ,तब शीर्ष अदालत में चल रही थी सुनवाई l कर्नाटक में राज्यपाल द्वारा बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता देने के खिलाफ कांग्रेस ने देर रात को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायाl करीब रात 1 बजे मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के लिए 3 जजों की बेंच गठित की l तकरीबन 5 घंटे तक चले लम्बी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस द्वारा येदियुरप्पा का शपथ रोकने की मांग को ठुकरा दियाl

कांग्रेस ने आधी रात को किया कोर्ट का रुख
15 मई 2018 को जब कर्नाटक चुनाव के नतीजे आये ,तब किसी भी राजनितिक दल को स्पष्ट रूप से बहुमत नहीं मिला , हलाकि भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनाकर उभरी ज़रूर थी l जिस पर कांग्रेस का राज्यपाल से अनुरोध था कि लोकतंत्र की गरिमा को बनाते हुए वे कांग्रेस +जेडीएस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करे l लेकिन ऐसा ना हुआ ,और येदियुरप्पा को राज्यपाल की ओर से शपथ लेने का म्नायोता भेजा दिया गयाl जिसके तुरंत बाद कांग्रेस-जेडीएस ने ऐतराज़ जताया और कहा कि उनका गठजोड़ बहुमत के पार है, ऐसे में उन्हें मौका क्यों नहीं दिया गयाl इसके बाद रात को ही कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची और मामले की जल्द सुनवाई करने की मांग कीl रजिस्ट्रार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और उन्‍होंने कांग्रेस और जेडीएस की याचिका की जांच की और फिर चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया के पास पहुंचेl इस प्रकार तकरीबन 1 बजे इस मामले पर सुनवाई हुई और ये सुनवाई गुरूवार सुबह 5:30 बजे तक चली l

सुनवाई के लिए 3 जजों की बेंच बनाई गई, जिसमें जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एसए बोबड़े और जस्टिस अशोक भूषण शामिल थेl कोर्ट इस सुनवाई के बाद कहा कि येदियुरप्पा पहले से तय समय पर ही शपथ लेंगेl साथ ही कोर्ट ने राज्यपाल को नोटिस जारी करने की बात कही l