सुप्रीम कोर्ट का फैसला ‘नोटा’ का नहीं होगा राज्यसभा चुनाव में इस्तेमाल

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनते हुए कहा है कि राज्यसभा चुनाव में नोटा (उपरोक्त में से कोई नही) का विकल्प इस्तेमाल नहीं होगा. इस फैसले को गुजरात कांग्रेस के चीफ व्हिप शैलेश मनुभाई परमार की याचिका के दौरान लिया गया है. खास बात तो यह है कि कांग्रेस के साथ एनडीए सरकार ने भी राज्यसभा चुनाव में नोटा का विरोध किया था.

इसका इस्तेमाल सिर्फ प्रत्यक्ष चुनावों में ही किया जाएगा- SC 

जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ प्रत्यक्ष चुनावों में ही किया जाएगा. ये मामले को कांग्रेस द्वारा ही सुप्रीम कोर्ट में लाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा है कि नोटा डिफेक्शन को प्रोत्साहित करेगा और भ्रष्टाचार के दरवाजे खोलेगा. ये ही नहीं नोटा लोकतंत्र की शुद्धता को भी कमजोर करेगा.

इस मामले की पैरवी वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल कर रहें है

आपको बता दें कि कांग्रेस की तरफ से इस मामले की पैरवी वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल कर रहें है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस ने नोटा को हटाने की मांग की थी. इस पर कांग्रेस वकील कपिल सिब्बल का तर्क है कि अगर नोटा का विकल्प रहेगा तो कई विधायक अपनी पार्टी का निर्देश नहीं मानेंगे. वो अपनी पार्टी के खिलाफ भी वोट कर सकते है. यह भ्रष्टाचार रूपी जड़ों को बढ़ावा देगा.

राज्यसभा में विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि यह गंभीर मुद्दा है

कांग्रेस ने अप्रत्यक्ष चुनावों के दौरान नोटा को लागू करने की चुनाव आयोग की शक्तियों पर सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस द्वारा दी गई इस याचिक पर सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर से सुनवाई करने का फैसला लिया था. इस मामले को कांग्रेस ने राज्यसभा में उठाया था. राज्यसभा में विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि यह गंभीर मुद्दा है. इस मामले की सुनवाई के दौरान कांग्रेस के साथ NDA ने भी राज्यसभा चुनाव में नोटा का विरोध किया था.