सीलमपुर हिंसा में छह लोग गिरफ्तार, बंद हैं दिल्ली-नोएडा के रास्ते

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जामिया के बाद अब दिल्ली का उत्तर पूर्वी इलाका मंगलवार दोपहर को सुलग उठा. सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में दोपहर को नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुई भीड़ उग्र हो गई और देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया. इससे पहले भी दिल्ली के जामिया इलाके में हुआ था जिसमें 10 लोगों को पकड़ लिया गया. जिसके बाद ये भी सामने आया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कॉलेज के छात्र नहीं थे.

नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की बस और दिल्ली पुलिस के वज्र वाहन की तोड़फोड़ की है. वहीं दो दर्जन से ज्यादा निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है. इस घटना में थाना सीलमपुर इलाके के एक पुलिस बूथ में भी आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों ने सीलमपुर में ही नहीं बल्कि दिल्ली के ओर भी इलाकों में ऐसा किया है.

हालांकि हालात अभी सामान्य हो गए हैं और सभी मेट्रो स्टेशन खोल दिए गए हैं. वहीं दिल्ली से नोएडा आने जाने वाले कुछ रास्ते बंद हैं, जिसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आईए आपको आज दिल्ली में हो रही सारी घटनाओं की सूचना देते है.

दिल्ली पुलिस के संयुक्त कमिश्नर ने कहा है कि उत्तर-पूर्वी जिले में सीआरपीसी की धारा-144 लागू कर दी गई है. इसके तहत किसी भी सार्वजिनक स्थान पर चार से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते. दिल्ली पुलिस ने सीलमपुर हिंसा मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही पुलिस कई जगहों पर छापेमारी कर उन लोगों की तलाश कर रही है जिनकी पहचान की जा चुकी है.

दिल्ली पुलिस ने जाफराबाद में हुई हिंसा के संबंध में आईपीसी की धाराओं के तहत दंगा भड़काने और पब्लिक संपत्ति बर्बाद करने के आरोप में दो एफआईआर दर्ज की हैं. अब तक पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिस पर आपराधिक जांच की जा रही है.

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सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत मुस्लिम शरणार्थी जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आएंगे उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिलेगी. इसका उन मुसलमानों से कुछ लेना-देना नहीं है जो भारत में रह रहे हैं.

शाही इमाम बुखारी ने ये भी कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण यानी की NRC में बहुत अंतर है. एक CAA है जो कानून बन चुका है और दूसरा एनआरसी है जिसकी सिर्फ घोषणा हुई है और वह कानून नहीं बना है.

जामिया हिंसा के बाद पुलिस द्वारा की गई एफआईआर से पता चला कि पुलिस ने हिंसा रोकने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए 75 आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया था. इसमें ये भी कहा गया है कि 7-8 बच्चे कुछ विश्वविद्यालय के अंदर से पत्थरबाजी भी कर रहे थे. इसी एफआईआर में ये भी कहा गया है कि पुलिस कैंपस के अंदर एक सीमित फोर्स के साथ दाखिल हुई थी, ताकि उतपात मचा रहें की पहचान हो सके और छात्रों की सुरक्षा की जा सके.

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दिल्ली के सीलमपुर में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो जाने के बाद मंगलवार को सात मेट्रो स्टेशनों पर आवाजाही बंद कर दी गई थी और ट्रेनें भी वहां नहीं रुक रही थीं. लेकिन बुधवार सुबह सभी मेट्रो स्टेशनों के हर गेट खोल दिए गए हैं और सेवाएं सामान्य हो गई हैं.