Ramcharitmanas: रामचरितमानस विवाद में फंसे स्वामी मौर्य ने अखिलेश यादव से की मुलाकात, जानिए आगे क्या हुआ…
इस पर मौर्य ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से सदन में इसका जवाब देंगे। इसके अलावा, वह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जरिए शुक्रवार को राजस्थान में सनातन धर्म को देश का राष्ट्रीय धर्म कहे जाने को लेकर भी पार्टी का पक्ष रखेंगे। पूर्व कैबिनेट मंत्री ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार दलितों, पिछड़ों और वंचितों का आरक्षण खत्म करती जा रही है। ऐसे में सपा जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर नई रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने आदवासी, पिछड़ों और अन्य का आरक्षण खत्म कर दिया है। हमने जातिगत आधारित जनगणना की मांग की है। अब देश के अनुसूचित जाति जनजाति को उनका हक दिलाने की लड़ाई लड़ी जाएगी। जातिगत आधारित जनगणना कराने के लिए केंद्र को पत्र भी लिखा जाएगा। पार्टी रणनीति के तहत हम लोग पूरी ताकत इस मुद्दे को उठाएंगे।
श्रीरामचरितमानस की चौपाई को लेकर विवाद में घिरे मौर्य
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले रविवार को एक बयान में श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं और पिछड़ों के प्रति अपमानजक करार दिया था। इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। इस बयान से खासा विवाद पैदा हो गया था। संत समाज और हिंदूवादी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था। मामले में मौर्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है। सपा ने मौर्य के इस बयान को उनकी निजी राय करार देते हुए उससे पल्ला झाड़ लिया था। विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक और विधायक मनोज पांडेय समेत कई सपा विधायकों ने भी मौर्य के बयान को गलत बताया था और कहा था कि वे इस विवाद के बाद उपजी स्थिति के बारे में अखिलेश को बताएंगे। हालांकि, मौर्य का कहना है कि उन्होंने महिलाओं और दबे-कुचले तबकों का अपमान करने वाली चौपाई पर टिप्पणी की थी और वह आज भी अपने बयान पर कायम हैं।