Rajasthan Politics: पायलट को रोकने के लिए खुला विद्रोह करेंगे गहलोत! राजस्थान कांग्रेस में अभी बहुत कुछ बाकी है

93
Rajasthan Politics: पायलट को रोकने के लिए खुला विद्रोह करेंगे गहलोत! राजस्थान कांग्रेस में अभी बहुत कुछ बाकी है

Rajasthan Politics: पायलट को रोकने के लिए खुला विद्रोह करेंगे गहलोत! राजस्थान कांग्रेस में अभी बहुत कुछ बाकी है

जयपुर: राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर फिलहाल संशय बना हुआ है। अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ही प्रदेश के मुख्यमंत्री रहेंगे या उनकी जगह पर सचिन पायलट (Sachin Pilot) के हाथ सीएम पद की बागडोर दी जाएगी। इस पर अभी कांग्रेस आलाकमान मंथन में जुटा हुआ है। राजस्थान के सीएम पर आखिरी फैसला पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को करना है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस कदम को बेहद अहम माना जा रहा। यही वजह है कि आलाकमान इस पर जल्दबाजी के मूड में नहीं है। हालांकि, अशोक गहलोत ने अपने हालिया तेवर से आलाकमान को आंखें दिखा चुके हैं। ऐसे यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी नेतृत्व गहलोत के दबाव में आकर उन्हें ही मुख्यमंत्री रखते हैं या उनको हटाकर किसी नए चेहरे को आगे लाया जाता है।

गहलोत को हटा दिया तो बगावत का डर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अगर कांग्रेस आलाकमान पद से हटा देता है तो राजस्थान कांग्रेस में बगावत का डर है। गहलोत के समर्थन में 92 विधायकों के होने का दावा किया जा रहा। जिन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा तक दे दिया है। हालांकि, उनमें से कुछ विधायकों ने यह भी कहा कि उन्होंने अनजाने में इस्तीफा दिया है। अगर 7 विधायक कम भी कर दिए जाएं तो भी गहलोत के समर्थन में 85 विधायक हैं। इन विधायकों की ओर से दिए गए इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए तो सरकार को बचाना मुश्किल हो जाएगा।

‘शाह के घर की मीटिंग, हमारे विधायकों को खिलाई मिठाई’, पायलट का नाम लिए बगैर गहलोत ने सुनाई 2020 की पूरी कहानी
कांग्रेस आलाकमान को फैसला लेने में इसलिए हो रही देरी
कांग्रेस आलाकमान की ओर से घोषित नए चेहरे के लिए ऐसी सूरत में प्रदेश विधानसभा में बहुमत का जुगाड़ करना आसान नहीं होगा। पहले ही गहलोत गुट के दो मंत्री परसादी लाल मीणा और गोविन्द राम मेघवाल कह चुके हैं कि प्रदेश में मध्यावधि चुनाव मंजूर है लेकिन सचिन पायलट या उनके समर्थकों में से कोई विधायक मुख्यमंत्री के रूप में मंजूर नहीं है। इसी बगावत के डर से आलाकमान भी फूंक-फूंक कर कदम उठाने के मूड में दिख रहा।

navbharat times -अशोक गहलोत के मंत्री ने सचिन पायलट कैंप पर ही लगा दिया ऑपरेशन लोटस चलाने का आरोप
2020 की बगावत का जिक्र सीएम गहलोत ने पायलट खेमे को घेरा
सीएम गहलोत ने भी 2020 की बगावत का जिक्र कर एक दिन पहले ही सचिन पायलट का बिना नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने रविवार को कहा कि हम कैसे भूल सकते हैं उन 102 विधायकों को। जिन्होंने उस समय सरकार बचाने अहम भूमिका निभाई थी। मैं उनका अहसान नहीं भूल सकता हूं। उनको मैंने कहा कि मैं उनका अभिभावक हूं। आज दो-चार विधायक मेरे खिलाफ कमेंट भी करते हैं तो भी मैं उनका बुरा कैसे मान सकता हूं बताइये। मैं कहां रहूं या नहीं रहूं, यह अलग बात है। 2020 में विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये मिल रहे थे। होटल से बाहर जाने पर ही 10 करोड़ का ऑफर था। गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब गवर्नर ने विधानसभा की मीटिंग बुलाया तो ऑफर 10-20-30-40 करोड़ तक पहुंच गया। इस प्रकार ये लोग खेल कर रहे। ये हॉर्स ट्रेडिंग करके लोकतंत्र की हत्या करने वाले लोग हैं। गहलोत ने यह भी बताया कि 2020 में अमित शाह के घर जब हमारे कुछ विधायकों की मीटिंग हुई थी उस समय धर्मेंद्र प्रधान और जफर इस्लाम भी मौजूद थे।

Ashok Gehlot vs Sachin Pilot: गहलोत के खास मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास क्यों बोले- ED और CBI आने वाली है

दो मंत्री दे चुके खुली चुनौती
2020 में सचिन पायलट गुट के बगावती तेवर की वजह से गहलोत समर्थक विधायकों ने मोर्चा खोल रखा है। लगातार सचिन पायलट खेमे के खिलाफ गहलोत गुट के विधायक खुलकर बयान दे चुके हैं। उनके लिए ‘गद्दार’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जा चुका है। गहलोत गुट के कई नेताओं ने खुले तौर पर कहा कि जिन विधायकों ने पार्टी के साथ गद्दारी की और जुलाई 2020 में सरकार गिराने का प्रयास किया। उनमें से कोई भी विधायक भरोसे के लायक नहीं है।

navbharat times -Ashok Gehlot News: मतलब दोनों हाथ में लड्डू चाहता है गहलोत खेमा, 19 अक्टूबर वाली वो शर्त पढ़ी आपने
यही नहीं गहलोत खेमे के विधायकों ने पार्टी नेतृत्व से सीधे तौर मांग कर चुके हैं कि जिन 102 विधायकों ने सरकार बचाने में सहयोग किया, उनमें से किसी को भी मुख्यमंत्री बनाएं। इस फैसले पर किसी को कोई एतराज नहीं है। इस चुनौती से आलाकमान को डर सता रहा कि अगर राजस्थान में मुख्यमंत्री बदला और गहलोत गुट के विधायकों को बगावत कर दी तो मध्यावधि चुनाव की नौबत आ जाएगी।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर

राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News