Rajasthan Crisis: दो विधायक संग तनोट मंदिर में पूजा, फिर बगावत का झंडा.. और फंस गए गहलोत, कांग्रेस लेगी एक्शन?

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Rajasthan Crisis: दो विधायक संग तनोट मंदिर में पूजा, फिर बगावत का झंडा.. और फंस गए गहलोत, कांग्रेस लेगी एक्शन?

Rajasthan Crisis: दो विधायक संग तनोट मंदिर में पूजा, फिर बगावत का झंडा.. और फंस गए गहलोत, कांग्रेस लेगी एक्शन?

जयपुर: राजस्थान के सियासी गलियारे में पिछले 24 घंटे के दौरान बड़ा उलटफेर सामने आया। खास तौर से कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में अब तक सबसे आगे माने जा रहे अशोक गहलोत का एक दांव क्या उन पर उल्टा पड़ता दिख रहा है? ऐसा इसलिए क्योंकि एक दिन पहले ही सीएम गहलोत तनोट माता के मंदिर दर्शन और पूजा के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा और प्रताप खाचरियावास भी मौजूद रहे। खुद डोटासरा ने मंदिर में तीनों नेताओं की तस्वीर अपने ट्विटर पर शेयर की, जिसमें ये सभी नेता मुस्कुराते हुए नजर आ रहे। इसके बाद शाम में कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक थी, जिसमें दिल्ली से पार्टी ने पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा था। हालांकि, सीएम पद को लेकर गहलोत के समर्थन में विधायकों ने बगावत कर दी। अब सवाल उठ रहा कि क्या गहलोत का ये दांव उल्टा पड़ गया है?

कांग्रेस में सीएम पद को लेकर कैसे मचा घमासान

जयपुर में रविवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक से ठीक पहले अचानक हुए घटनाक्रम से अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे नाराज दिखे। यही नहीं अब खबर ये आ रही कि कांग्रेस नेतृत्व और खुद सोनिया गांधी भी अशोक गहलोत से नाराज बताई जा रही हैं। यही नहीं पार्टी आलाकमान उन्हें नोटिस जारी कर जवाब भी मांग सकता है। इसके लिए केसी वेणुगोपाल को भारत जोड़ो यात्रा से वापस बुला लिया गया है। माना जा रहा कि अजय माकन और खड़गे की रिपोर्ट के बाद पार्टी कुछ बड़ा फैसला ले सकती है।

अजय माकन बोले- विधायकों का अलग मीटिंग बुलाना अनुशासनहीनता

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राजस्थान कांग्रेस में संकट गहराने पर सोमवार को अजय माकन ने कहा कि जिन विधायकों ने अनुशासनहीनता दिखाई है, उन पर कार्रवाई होगी। दोनों ने कहा कि गहलोत खेमे के विधायकों ने जिस तरह अनाधिकारिक तौर पर बैठक की, उसे ‘अनुशासनहीनता’ ही कहा जा सकता है। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी माकन ने कहा कि CLP की बैठक से अलग मीटिंग बुलाना अनुशासनहीनता है। हम देखेंगे कि इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है।

बगावती विधायकों पर कांग्रेस नेतृत्व क्या लेगा फैसला?

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अजय माकन से जब पूछा गया कि आखिर गहलोत खेमे में कितने विधायक हैं तो उन्होंने कोई नहीं जानता। शांति धारीवाल या सीपी जोशी के आवास पर कितने विधायक थे और उनमें से कितनों ने इस्तीफा दिया है, लेकिन हम इन पर चर्चा बाद में करेंगे। कांग्रेस विधायक दल की बैठक, जिसे रविवार को सीएम आवास पर बुलाया गया था, इसको रद्द कर दिया गया था। जिसमें गहलोत के प्रति वफादार 90 से अधिक कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा देने की धमकी दी थी।

क्या कांग्रेस अध्यक्ष की रेस से भी बाहर हो जाएंगे गहलोत?

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सीएम अशोक गहलोत के समर्थन में आवाज बुलंद करने वाले विधायकों में अजय माकन ने साफ कर दिया कि जयपुर में विधायकों ने जिस तरह से अलग बैठक की वो अनुशासनहीनता है। इस दौरान जिस तरह से गहलोत के तीन सिपहसालार माकन और खड़गे से मिलने पहुंचे तो उनको लेकर चर्चा शुरू हो गई। हम बात कर रहे शांति धारीवाल, महेश जोशी और प्रताप खाचरियावास, जो रविवार को कांग्रेस पर्यवेक्षकों से मिलने पहुंचे, यही नहीं उन्होंने तीन शर्तें भी रखीं। जिस पर अजय माकन ने नाराजगी भी जताई है। कई राज्यों की कांग्रेस कमेटी ने अब गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष की रेस से बाहर करने की अपील पार्टी नेतृत्व से किया है।

राजस्थान में क्या पायलट बनेंगे सीएम, 19 के बाद होगा क्लीयर?

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अजय माकन ने कहा कि हमें एक प्रस्ताव पास कराना था कि भावी मुख्यमंत्री के फैसले का अधिकार आलाकमान को दिया जाए। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कांग्रेस विधायकों ने तीन शर्तें रख दी। पहली शर्त – प्रस्ताव भले ही पास कर लिया जाए लेकिन उसकी पालना 19 अक्टूबर के बाद की जाए। दूसरी शर्त – हम सब विधायक ऑब्जर्वर से वन टू वन मुलाकात करने के बजाय ग्रुप में मिलेंगे और अपनी बात कहेंगे। तीसरी शर्त – सियासी संकट के समय जो 102 विधायक सरकार बचाने के लिए डटे हुए थे, उन्हीं में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाया जाय। जो 19 विधायक सरकार गिराने की कोशिश में थे, वे मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार्य नहीं है। अब 19 अक्टूबर तक विधायक दल की बैठक नहीं होगी क्योंकि 19 अक्टूबर तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया चलेगी।

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