प्रधानमंत्री ओली के मंत्रिमंडल में शामिल 4 मंत्रियों से संसद की नागरिकता छिन ली गई है. नेपाल के कानून के अनुसार, वे 6 महीने मंत्री बने रहेंगे, लेकिन इससे ज्यादा समय तक पद पर बने रहने के लिए उन्हें सांसद बनना होगा.
इन मंत्रियों के नाम शामिल
ऊर्जा मंत्री तोप बहादुर रायमाझी, उद्योग मंत्री लेखराज भट्टा, शहरी विकास मंत्री प्रभु शाह और श्रम मंत्री गौरीशंकर चौधरी से उनकी पार्टी का सुझाव मिलने पर संसद की सदस्यता छीन ली गई. प्रतिनिधि सभा में गुरुवार को सदन के अध्यक्ष अग्नि प्रसाद सापकोटा ने कहा कि ‘सीपीएन माओइस्ट सेंटर’ के निर्णय के बाद चारों मंत्रियों को संसद की सदस्यता से मुक्त कर दिया गया.
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बस 6 महीने रह सकेंगे मंत्री!
नेपाल के कानून के मुताबिक, चारों मंत्री ओली के मंत्रिमंडल में अगले छह महीने तक मंत्री रह सकते हैं. लेकिन इससे ज्यादा समय तक मंत्री पद पर रहने के लिए उन्हें पुनः सांसद बनना होगा. रायमाझी, भट्टा, शाह और चौधरी इस साल सीपीएन माओइस्ट सेंटर का पुनर्गठन होने के बाद भी अपनी पार्टी में नहीं लौटे थे. इसकी बजाय वे ओली की सीपीएन यूएमएल में शामिल हो गए थे.