पीएम ने गुजराती में लिखी चिट्ठी,कहा ‘याद करें 22 साल पहले का गुजरात।’

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पीएम ने गुजराती में लिखी चिट्ठी, लोगों से कहा याद करें 22 साल पहले का गुजरात

गुजरात चुनाव में इस बार शायद सबसे ज्यादा मुद्दे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि पटेल आरक्षण और दलितों पर होने वाले अत्याचार को लेकर माहौल में गरमी है। दोनों समुदाय के नेता भाजपा पर हमलावर है। एक तरफ जहां हार्दिक पटेलों के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ दलितों के नेता जिग्नेश मेवानी दलित अधिकारों की बात करके मैदान में दलितों की वकालत करते हैं।

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जाति के रूप में लामबंद गुजरात की जनता के बीच इस बार सीएम के रूप में मोदी नहीं हैं इस लिए उनकी प्राथमिकता भी बदल गई है। विकास के साथ-साथ जाति के रूप में भी गुजरात के अलग-अलग खेमों में बंट रहे हैं। इसीलिए प्रधानमंत्री ने गुजरात की जनता को चिट्ठी लिखकर ये अपील की है कि वो जाति के नाम पर नहीं बल्कि विकास के नाम पर वोट करें।

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पीएम मोदी ने गुजराती में लिखे गए इस लेटर में कहा है, ‘याद करें 22 साल पहले गुजरात कैसा था। आज गुजरात और विकास एक दूसरे के पर्याय बने हैं. इसलिए हम सब जातिवाद नहीं, विकासवाद को बढ़ावा देंगे, कौमवाद को नहीं, विकासवाद से गुजरात से मज़बूत करेंगे। वंशवाद से नहीं, विकासवाद से गुजरात में सामाजिक न्याय को मज़बूत बनाएंगे, परिवारवाद को नहीं, विकासवाद से देश और राज्य के ग़रीबों की मदद करेंगे।’

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पीएम मोदी ने जनता से अपील करते हुए कहा है कि गुजरात के आने वाले चुनाव में एक बार फिर सेवा करने का मौक़ा दीजिए और विकासयात्रा को आगे बढ़ाने का मौक़ा दीजिए। साथ ही लिखा है कि मेरे लिए गुजरात मेरी आत्मा और भारत परमात्मा है।

गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के सीएम से पीएम बनने के सफर में गुजरात की अहम भूमिका रही है। नरेंद्र मोदी गुजरात विकास मॉडल को लेकर देश की सत्ता के सिंहासन पर काबिज हुए हैं। यही वजह है कि विपक्ष उनके ही दुर्ग में उन्हें मात देने की जुगत में है, तो नरेंद्र मोदी अपने किले को बचाने के लिए पूरा दमखम लगा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि 2019 की लड़ाई गुजरात में लड़ी जा रही है। गुजरात में मिली जीत मोदी को और मजबूत बनाएगी तो कांग्रेस के खाते में अगर सफलता आती है तो राहुल गांधी की जबरदस्त लॉन्चिंग हो सकती है।

गुजरात को बीजेपी का दुर्ग कहा जाता है। बीजेपी पिछले पांच विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज करके पिछले दो दशक से गुजरात की सत्ता के सिंहासन पर काबिज है। गुजरात विधानसभा की सियासी रणभूमि को छठी बार बीजेपी के वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोर्चा संभालने के लिए खुद उतर रहे हैं।

प्रधानमंत्री और बीजेपी के लिए गुजरात विधानसभा चुनाव साख का सवाल बन गया है, तो विपक्ष को भी दोबारा से खड़े होने का मौका नजर आ रहा है. यही वजह है कि नरेंद्र मोदी को सियासी मात देने के लिए विपक्षी दल कांग्रेस उन्हीं के दुर्ग की घेराबंदी करने में जुटी है। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी मोर्चा संभाले हुए हैं। राहुल गांधी गुजरात के युवा त्रिमूर्ती अल्पेश, जिग्नेश और हार्दिक पटेल के सहारे सत्ता के वनवास को खत्म करने में जुटे हैं. राहुल गांधी लगातार जातीय समीकरण साधने से लेकर सॉफ्ट हिंदुत्व की राह भी अपनाए हुए हैं।