नई दिल्ली: भारत सरकार की थिंक टैंक नीति आयोग ने दर्ख्वास्त की है कि सिविल सेवाओं के प्रत्याशियों के लिए अधिकतम आयु कम की जानी चाहिए.
उन्होंने अपनी सिफारिश में कहा है कि वह सिविल सेवाओं में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए मौजूद अधिकतम आयु 32 से घटाकर 27 साल तक की होनी चाहिए. उन्होंने आगे यह भी कहा है कि इससे साल 2022-23 तक पास करना चाहिए. वहीं नीति आयोग ने अपने सुझाव में यह भी बताया है कि तमाम सिविल सेवाओं के लिए सिर्फ एक ही परीक्षा ली जानी चाहिए.
साल 2022-23 तक लागू कर देना चाहिए
आपको बता दें कि वर्तमान में केंद्र और राज्य स्तर पर 60 से अधिक अलग-अलग तरह की सिविल सेवाएं है. नीति आयोग ने ‘नए भारत के लिए रणनीति @75’ शीर्षक से दस्तावेज बुधवार को जारी किया. इसमें कहा गया है कि सिविल सेवाओं में समानता लाने के लिए इनकी संख्या में भी घटौती की जानी चाहिए.
फिलहाल, मौजूद समय में सिविल सेवाओं में चयनित होने वाले प्रत्याशियों की औसत आयु साढ़े 25 साल है और भारत की एक-तिहाई से अधिक आबादी की आयु इस वक्त 35 साल से कम है. इस रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि नौकरशाही में उच्च स्तर पर विशेषज्ञों की लेटरल एंट्री को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए. इससे हर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञों की सेवाएं मिल सकेंगी.