भारत में २०१८ के विधानसभा चुनाव की गहमगामी मुख्य पड़ाव पर है. राजस्थान में हुये चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत हासिल की. कर्नाटक में भी अप्रैल में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं. इसके अलावा नागालैंड में भी चुनावों ने तूल पकड़ लिया है. २७ फ़रवरी को वहां विधान सभा चुनाव होने वाले हैं. उसकी देख-रेख के लिए राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 281 कंपनियां तैनात की जाएंगी.
चुनाव आयोग ने गुरुवार को पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है. फरवरी महीने में नागालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में विधानसभा चुनाव होंगे. त्रिपुरा में १८ फरवरी, मेघालय और नागालैंड में २७ फरवरी को मतदान होंगे. तीनों राज्यों के चुनाव परिणाम ३ मार्च को आएंगे.
कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी का मानना है कि बीजेपी और उसके सहयोगी संगठन नागालैंड में रह रहे लोगों के जीवन जीने के तरीकों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. कांग्रेस इसे रोकना चाहती है. इसीलिए, जिन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार नहीं है उन सीटों पर वह धर्मनिरपेक्ष उम्मीदवारों का समर्थन करेगी.
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में नागालैंड पीपुल्स फ्रंट को 60 में से 38 सीटों पर जीत मिली थी.उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के 20 उम्मीदवारों ने नगालैंड के 60 सदस्य वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरा था जिनमें से एक उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया. इसीलिए, अब कांग्रेस के 19 उम्मीदवार मैदान में हैं. कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी बयान में कार्यकर्ताओं द्वारा कहा गया है कि लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वह धर्मनिरपेक्ष दलों के प्रत्याशियों का समर्थन करेंगे.
बीजेपी के सामने चुनौती है कि नागालैंड में एनडीए की सत्ता बनी रहे.गौरतलब है कि इस बार नागालैंड विधानसभा चुनाव की 60 सीटों में से बीजेपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और NDPP (नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी) 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिन्हा के मीडिया सेल ने रविवार शाम में बताया है कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 281 कंपनियों में से 77 कंपनियां नगालैंड पहुंच चुकी हैं और उन्हें पूरे राज्य में तैनात कर दिया गया है.