Mukhtar Ansari: वाराणसी जेल में वो लड़ाई…फिर मुख्तार अंसारी ने कराई अवधेश राय की हत्या, जानिए क्या था विवाद

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Mukhtar Ansari: वाराणसी जेल में वो लड़ाई…फिर मुख्तार अंसारी ने कराई अवधेश राय की हत्या, जानिए क्या था विवाद

Mukhtar Ansari: वाराणसी जेल में वो लड़ाई…फिर मुख्तार अंसारी ने कराई अवधेश राय की हत्या, जानिए क्या था विवाद

awadhesh rai murder case: वाराणसी की एमपीएमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है। 32 साल बाद अवधेश राय हत्याकांड में फैसला आया है।

 

वाराणसी: करीब 32 साल बाद अवधेश राय हत्याकांड में वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को आजीवन कारावास सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 32 साल पहले हुई अवधेश राय की हत्या के पीछे कई वजह बताई जाती हैं। इनमें से एक वजह आज हम आपको उस दौर के एक वरिष्ठ पत्रकार के हवाले से बताते हैं।

जेल में लड़ाई बनी मौत की वजह

एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया मुख्तार अंसारी और अवधेश राय की अदावत तब शुरू हुई, जब विजय यादव नाम का एक अपराधी वाराणसी जेल में बंद था। इसी जेल में साधू शरण सिंह उर्फ साधू सिंह और राजेश्वर सिंह उर्फ मकनू सिंह भी किसी मामले में बंद थे। अवधेश राय भी इसी जेल में किसी मामले में बंद थे। अवधेश राय की साधू-मकनू गिरोह से जेल के भीतर ही लड़ाई हो गई। जेल में ही विजय यादव, साधू सिंह, मकनू सिंह के संपर्क में आया। वर्चस्व की लड़ाई में विजय यादव ने अवधेश राय के दो भाइयों को गोली मारी थी। जेल के भीतर हुई लड़ाई में अवधेश राय ने कुछ अन्य कैदियों के साथ मिलकर साधू सिंह, मकनू सिंह पर हावी हो गए थे। विजय यादव, साधू और मकनू सिंह के साथ था। अवधेश राय और उनके साथ कुछ अन्य कैदियों ने मिलकर विपक्षियों की पिटाई भी कर दी थी। दोनों तरफ से ईंट पत्थर चले थे, जिसमें साधू शरण सिंह घायल हो गए थे और उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रहना पड़ा था। यह वह दौर था, जब ठेके-पट्टे के सिलसिले में साधू सिंह और मकनू सिंह की सरपरस्ती में मुख्तार अंसारी जरायम की दुनिया में एंट्री ले रहा था।

1991 को अवधेश राय की गोली मारकर हत्या की गई थी

जानकारों की मानें तो मुख्तार और अवधेश राय के बीच की दुश्मनी की खाई इस घटना के बाद और गहरी हो गई। घर से निकलते वक्त कुछ लोगों ने ऑटोमैटिक राइफल से अवधेश राय पर हमला कर दिया था। वाराणसी के लहुराबीर क्षेत्र में 3 अगस्त, 1991 को अवधेश राय की गोली मारकर हत्या की गई थी। फायरिंग की आवाज से आसपास का पूरा इलाका गूंज उठा था। अवधेश राय कांग्रेस नेता अजय राय के घर के बाहर खड़े थे। मारुति वैन में आए बदमाशों ने अवधेश राय पर गोलियों की बारिश कर दी थी। मृतक के भाई और पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, राकेश समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में इसकी जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई थी। मुख्तार अंसारी ने जब वारदात को अंजाम दिया था, उस दौरान वह विधायक नहीं था। आज जब केस में फैसला आया है, तब भी वह विधायक नहीं है।

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